बैल पोला-निबंध-2

Started by Atul Kaviraje, September 14, 2023, 06:00:31 PM

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Atul Kaviraje

                                        "बैल पोला"
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मित्रो,

     आज दिनांक-१४.०९.२०२३-गुरुवार है. आज "बैल पोला" है.  छत्तीसगढ़ में तीजा पोला त्यौहार सदियों से बहुत ही धूम – धाम से मनाया जाता है. छत्तीसगढ़ में तीजा पोला त्यौहार 2023 में 14 सितम्बर दिन गुरुवार को है. पोला त्यौहार के दिन मवेशियों को ज्यादा तरह से बैल को बहुत ही अच्छे से सजाते है उसके बाद बिधि अनुसार उस बैल को पूजन करते है. मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको बैल पोला त्योहार की बहोत सारी हार्दिक शुभकामनाये. आईये, पढते है, पोला महोत्सव पर निबंध.

     पोला महाराष्ट्र का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में इसे श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। भारत एक कृषि प्रधान देश है . कुल जनसंख्या का लगभग सत्तर प्रतिशत भाग का मुख्य व्यवसाय कृषि है। एक किसान खेती से संबंधित लगभग सभी गतिविधियों के लिए अपने बैलों पर निर्भर रहता है। इसलिए इस महत्वपूर्ण जानवर के प्रति अपना आभार व्यक्त करने के लिए किसान यह त्योहार मनाते हैं। इस अवसर पर बैलों की पूजा की जाती है।

     पोला त्यौहार मराठी माह श्रावण के आखिरी दिन पड़ता है। इसे बहुत ही पारंपरिक तरीके से मनाया जाता है. किसान सुबह अपने बैलों को नहलाते हैं। फिर वे उन्हें रंग-बिरंगी पट्टियों और मालाओं से सजाते हैं। वे अपने सींगों को भी रंगते हैं। इसका पिछला हिस्सा खूबसूरत शॉल से ढका हुआ है। फिर गांव के सभी बैलों का एक लंबा जुलूस निकाला जाता है। युवा ढोल और लेज़िम की धुनों पर नृत्य करते हैं। गांव की महिलाएं बैलों की पूजा करती हैं। उन्हें पूरनपोली नामक मिठाइयाँ अर्पित की जाती हैं। सभी लोग सम्मान प्रकट करने के लिए उनके सामने झुकते हैं। कई स्थानों पर मेले लगते हैं। लोग हिंडोले, विशाल पहियों और विभिन्न मनोरंजनों का आनंद लेते हैं।

     इस दिन बैलों से काम नहीं कराया जाता। बैल किसानों की हरसंभव मदद करते हैं। बदले में किसान उनका सम्मान करते हैं। किसी जानवर के प्रति आभार व्यक्त करने की परंपरा केवल भारतीय संस्कृति में ही देखी जा सकती है।

                           (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-स्कूल एसे.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-14.09.2023-गुरुवार.
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