दिन-विशेष-लेख-राष्ट्रीय श्रम दिवस

Started by Atul Kaviraje, September 17, 2023, 05:43:21 PM

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Atul Kaviraje

                                    "दिन-विशेष-लेख"
                                    "राष्ट्रीय श्रम दिवस"
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मित्र/मैत्रिणींनो,

     आज दिनांक-17.09.2023-रविवार आहे.  १७ सप्टेंबर-हा दिवस "राष्ट्रीय श्रम दिवस" म्हणूनही ओळखला जातो. वाचूया, तर या दिवसाचे महत्त्व, आजच्या या "दिन-विशेष-लेख" या शीर्षकI-अंतर्गत.

                   श्रम दिवस क्यों मनाया जाता है?--

           Labour Day 2023: 1 मई को ही क्यों मनाया ...

     मजदूरों और श्रमिकों की उपलब्धियों का सम्मान करने और उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए दुनियाभर में हर साल 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस (National Labour Day)मनाया जाता है. लोकप्रिय रूप से 'May Day' के रूप में जाना जाता है.

           क्या मजदूर दिवस एक राष्ट्रीय अवकाश है?--

     दुनिया के कई देशों में 1 मई को राष्ट्रीय अवकाश के तौर पर मनाया जाता है। भारत में मजदूर दिवस की शुरुआतः भारत में 1 मई 1923 को लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान ने मद्रास (चेन्नई) में इसकी शुरुआत की थी।

            श्रम दिवस का अर्थ क्या है?--

     यह दिन दुनिया के मजदूरों और श्रमिक वर्ग को समर्पित है। आज मजदूरों व श्रमिक वर्ग की उपलब्धियों को और राष्ट्र निर्माण में उनके अमूल्य योगदान को सलाम करने का दिन है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य मजदूरों की उपलब्धियों का सम्मान करना और उनके द्वारा किये गए योगदान को याद करना है।

            श्रम से क्या अभिप्राय है?--

     मार्शल के शब्दों में, "श्रम से आशय मनुष्य के आर्थिक कार्यों से हैं चाहे वह शारीरिक हो अथवा मानसिक । " (2) प्रो. पीगू के शब्दों में, "वह परिश्रम (या सेवा) जिसे द्रव्य द्वारा मापा जा सकता है, श्रम कहलाता है।

           श्रम करने वाले व्यक्ति को क्या कहते हैं?--

     वह व्यक्ति जो शारीरिक श्रम करता है, श्रमिक, मज़दूर या कामगार (labourer) कहलाता है।

             श्रम की स्थापना कब हुई थी?--

     इसकी स्थापना सन् 1919 में वर्साइल की संधि के द्वारा हुई थी। । है और सन् 1922 से अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के शासी निकाय का स्थाई सदस्य है।

             श्रम के 4 प्रकार कौन से हैं?--

     अर्थशास्त्र में श्रम के चार प्रकार कौन से हैं? अर्थशास्त्र में श्रम के चार प्रकार हैं कुशल, अकुशल, अर्ध-कुशल और पेशेवर । ये चार प्रकार के श्रम मिलकर सक्रिय श्रम शक्ति का निर्माण करते हैं।

            श्रम का मूल शब्द क्या है?--

     त्वरित सारांश। लैटिन मूल शब्द लेबर का अर्थ है "काम।" यह लैटिन मूल अंग्रेजी शब्दावली शब्दों की "कार्यशील" संख्या का मूल शब्द है, जिसमें सहयोग, श्रम ही और विस्तृत शामिल हैं। मूल श्रम को प्रयोगशाला शब्द के माध्यम से आसानी से याद किया जाता है, क्योंकि वैज्ञानिक अपना "कार्य" वहीं करते हैं।

             श्रम की मुख्य विशेषताएं क्या हैं?--

     उत्पादन के एक कारक के रूप में श्रम के पास सेवाओं के खरीदार के साथ बहुत ही साप्ताहिक सौदेबाजी की शक्ति होती है। इसे संग्रहित नहीं किया जा सकता, यह बहुत गतिशील नहीं है और इसका कोई मानक या आरक्षित मूल्य नहीं है। इसलिए आम तौर पर मजदूरों को नियोक्ता द्वारा दी जाने वाली किसी भी मजदूरी पर काम करने के लिए मजबूर किया जाता है।

            श्रम के महत्व का क्या अर्थ है?--

     'श्रम' का अर्थ है- तन-मन से किसी कार्य को पूरा करने के लिए प्रयत्नशील होना । जिस व्यक्ति ने परिश्रम के बल पर आगे बढ़ने की चेष्टा की, वह निरंतर आगे बढ़ा । मानव-जीवन की उन्नति का मुख्य साधन परिश्रम है । जो मनुष्य जितना अधिक परिश्रम करता है, उसे जीवन में उतनी ही अधिक सफलता मिलती है ।

             श्रम का प्रभाव क्या है?--

     श्रम नाशवान है, उसका संचय भी नही हो सकता, इसका परिणाम यह होता है कि मालिक के साथ उसकी सौदा करने की शक्ति कम होती है। श्रमिक बेरोजगार नही रह सकता, वह आर्थिक दृष्टि से कमजोर होता है। पर आजकल श्रमिक संगठनों की सहायता से उनकी सामूहिक सौदा करने की शक्ति अवश्य बढ़ी है।

                         (साभार आणि सौजन्य-संदर्भ-गूगल.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-17.09.2023-रविवार.
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