हरतालिका तीज-जानकारी-3

Started by Atul Kaviraje, September 18, 2023, 07:39:47 PM

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Atul Kaviraje

                                      "हरतालिका तीज"
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मित्रो,

     आज दिनांक-१८.०९.२०२३-सोमवार है. आज "हरतालिका तीज" है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हरतालिका तीज भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है. इस बार हरतालिका तीज 18 सितंबर, सोमवार को मनाई जाएगी. इसको हरितालिका तीज और हरतालिका तीज के नाम से भी जाना जाता है. मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको हरतालिका तीज की बहोत सारी हार्दिक शुभकामनाये. आईए, पढते है हरितालिका तीज पर महत्त्वपूर्ण जानकारी.

      HARTALIKA TEEJ 2023 : कब है हरतालिका तीज ? कैसे करें पूजा ? जानें शुभ मुहूर्त और विधि--

     18 सितंबर को है हरितालिका तीज का व्रत18 सितंबर को है हरितालिका तीज का व्रत

        Haritalika Teej 2023: हरियाली तीज, हरतालिका तीज और कजरी तीज. ये तीनों व्रत पति की लंबी उम्र, संतान की उन्नति और परिवार ...

     हिन्दू धर्म में हरतालिका तीज (Haritalika Teej 2023) व्रत का विशेष महत्व है .साल में 3 बार तीज का व्रत रखा जाता है. हरियाली तीज, हरतालिका तीज और कजरी तीज. ये तीनों व्रत पति की लंबी उम्र, संतान की उन्नति और परिवार की खुशहाली के लिए रखे जाते हैं. भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है. इस बार यह व्रत 18 सितंबर को रखा जाएगा.आइए जानते है काशी (Kashi) के ज्योतिषाचार्य से इस साल हरतालिका तीज की डेट, मुहूर्त और महत्व.

     स्वामी कन्हैया महाराज ने बताया कि इस व्रत में बालू और मिट्टी से बने शिव पार्वती के परिवार की पूजा की जाती है. माता पार्वती ने भी भगवान शिव को पति स्वरूप में पाने के लिए इस पूजा को किया था.

              कब है पूजा का शुभ मुहूर्त ?--

     पंचाग के अनुसार 17 सितंबर को 11 बजकर 8 मिनट से तृतीया तिथि शुरू होगी जो अगले दिन यानी 18 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट तक होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार से यह व्रत 18 सितंबर को ही रखा जाएगा.18 सितंबर को सुबह 6 बजे से रात के 8 बजकर 24 मिनट तक का समय शिव और पार्वती की पूजा के लिए उपयुक्त है.लेकिन शाम को प्रदोष काल के समय पूजा करना बेहद अच्छा माना जाता है.

             व्रत के दिन सोलह श्रृंगार का महत्व--

     इस दिन सुबह स्नान के बाद स्त्रियों को व्रत का संकल्प लेना चाहिए. व्रती महिलाओं को पूजा के दौरान सोलह श्रृंगार अवश्य करना चाहिए. पूजा के लिए बालू और मिट्टी के शिव पार्वती समेत परिवार की प्रतिमा बनानी चाहिए और फिर पूरे विधि-विधान से उसकी पूजा करनी चाहिए. पूजा के बाद घर के बड़े लोगों का आशीर्वाद जरूर लेना चाहिए. इससे अखंड सौभाग्य का व्रत मिलता है.इसके साथ ही घर में सुख शांति और वैभव की प्राप्ति भी होती है.

--EDITED BY :mritunjay baghel
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                       (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदी.न्यूज १८.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-18.09.2023-सोमवार
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