हरतालिका तीज-निबंध-3

Started by Atul Kaviraje, September 18, 2023, 07:44:46 PM

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Atul Kaviraje

                                     "हरतालिका तीज"
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मित्रो,

     आज दिनांक-१८.०९.२०२३-सोमवार है. आज "हरतालिका तीज" है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हरतालिका तीज भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है. इस बार हरतालिका तीज 18 सितंबर, सोमवार को मनाई जाएगी. इसको हरितालिका तीज और हरतालिका तीज के नाम से भी जाना जाता है. मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको हरतालिका तीज की बहोत सारी हार्दिक शुभकामनाये. आईए, पढते है हरितालिका तीज पर निबंध.

     माता पार्वती जी की तपस्या करने से शिवजी का ह्रदय प्रभावित हुआ और शिवजी श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया  दिन को माता पार्वती जी के समाने प्रकट हुये और शिवजी ने उनको अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया और माता पार्वती जी को इच्छा पूर्ति का वरदान दिया। इसके बाद पार्वती जी के पिता जब उनको ढूंढते हुए जंगल की तरह पहुंचे तो पार्वती जी ने अपने पिताजी के साथ जाने से मना कर दी और पार्वती जी ने अपने पिताजी के समाने एक शर्त रखी कि में आपके साथ तब जाऊंगी जब आप मेरा विवाह शिवजी के साथ करेंगे, तभी उनके पिताजी हार मानकर पार्वती जी सारी शर्ते मानकर पार्वती जी को घर वापस ले गये ,कुछ समय बाद उनके पिताजी जी पूरे रिति-रिवाज के साथ शिवजी और पार्वती जी का विवाह कराया।

     श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को शिवजी और माता पार्वती के मिलन का दिन माना जाता है। शिव जी ने इस दिन पार्वती के सच्चे मन से की हुयी तपस्या से खुश होकर कहा था कि इस दिन पार्वती जी ने मुझे पाने के लिये सच्चे मन से आराधना करके उपवास किया था, उसी के परिणाम से हम दोनों का विवाह सम्पन्न हुआ था। आज के बाद जो भी कुंवरी लड़कियां इस उपवास को सच्चे मन से पूजा-पाठ करेगी ,उसे मैं उस कन्या के इच्छा अनुसार उसे वर प्राप्ति का वरदान दूंगा, चाहे स्त्री हो या कुंवरी लड़कियां, उनको पार्वती जी की तरह अचल सुहाग प्राप्ति होंगी। इसलिए तीज के दिन सुहागन महिलाओं और कुंवारी कन्याओं के लिये तीज का दिन बहुत ही सौभग्य का दिन होता है।

               तीज के त्यौहार का महत्व--

     तीज के त्यौहार का सबसे अधिक महत्व महिलाओं के जीवन में होता है। हमारी संस्कृति के अनुसार तीज-त्यौहारों, पर्व-उत्सवों से  पूरी तरह सजा रहता है। भारतीय  धार्मिक संस्कृति के अनुरूप सात वार और नौ त्यौहार होते है। तीज का त्यौहार रंग-रंगीली संस्कृति की जान होता है, हमारी परंपराएं हमारे देश के हर प्रांत की अनूठी परंपराओं मे धड़कता हुआ नज़र आता है। हमारी भारतीय संस्कृति तीज का त्यौहार दिल होता है, जब तीज के त्यौहार मे भक्ति-भाव में लीन हो कर उपवास और आराधना करते है, तो खुद भगवान धरती मे उतरकर हमें आशीर्वाद देने के लिये प्रगट होते है। सावन के इस शुभ अवसर मे बारिश की रिमझहारों के साथ स्नान कर रही धरती पूरी तरह हरी चुनरी ओढ़ कर तैयार रहती है। सावन  का महीना खत्म होते ही हरी-भरी धरती की सौगात भादो के हाथ में सौंप दिया जाता है।

     शिव जी और पार्वती जी के पुर्नमिलान के रूप मे इस दिन को यादगार के रूप मे मनाया जाता है। तीज के त्योहार लेकर यह मान्यता है कि माता पार्वती जी ने  शिव जी को पति के रूप मे प्राप्ति करने के लिये पार्वती जी ने 107 बार जन्म धरती मे लिया था। अंतः माता पार्वती के कठोर तपस्या करने और ज़ब माता पार्वती 108वें जन्म लिया तब भगवान शिव जी ने पार्वती जी को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया।

     तभी से शिव और पार्वती जी के मिलन के इस मान्यता पर तीज का व्रत रखने वाली महिलाओ को माता पार्वती जी खुश होकर उपवास रखने वाली महिलाओं के पतियों को लम्बी आयु का आशीर्वाद देती है। सावन माह में चारों ओर हरियाली फैली होने के कारण इस तीज को हरियाली तीज या तीज त्यौहार के नाम  जाना जाता है।

                निष्कर्ष--

     तीज का त्यौहार भारतीय संस्कृति मे बहुत ही प्रचलित है। तीज त्यौहार महिलाओ और कुँवारी लड़कियो के लिये सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार होता है, क्योंकि इस दिन महिलाएं सोलह सिंगार करती है और अपने पति के लम्बी उम्र के लिये शिव जी और पार्वती जी की मूर्ति को स्थापित करके फुल माला सुई धागा से बनाती है, और ज़ब पूजा-पाठ करती है, तो शिवजी और पार्वती जी को फूल माला चढ़ा कर पूजा अर्चना सच्चे मन से करती है।

     वही कुँवारी कन्याये भी तीज का उपवास रखती है, और शिव जी और पार्वती जी की पूजा-पाठ मे लीन हो जाती है, और भगवान शिव जी से प्रार्थना करती है कि मुझे भी शिवजी जैसे वर की प्राप्ति हो और सच्चे मन से शिवजी की आराधना करने से तीज के दिन सारी मनोकामनाये पूरी होती है।

                       (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-द सिम्पल हेल्प.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-18.09.2023-सोमवार
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