हरतालिका तीज-जानकारी-7

Started by Atul Kaviraje, September 18, 2023, 07:53:26 PM

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Atul Kaviraje

                                      "हरतालिका तीज"
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मित्रो,

     आज दिनांक-१८.०९.२०२३-सोमवार है. आज "हरतालिका तीज" है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हरतालिका तीज भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है. इस बार हरतालिका तीज 18 सितंबर, सोमवार को मनाई जाएगी. इसको हरितालिका तीज और हरतालिका तीज के नाम से भी जाना जाता है. मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको हरतालिका तीज की बहोत सारी हार्दिक शुभकामनाये. आईए, पढते है हरितालिका तीज पर महत्त्वपूर्ण जानकारी.

           हरियाली तीज या हरतालिका तीज पूजा विधि--

हरियाली तीज या हरतालिका तीज सुहागिन स्त्रियों का त्यौहार है तो इस दिन जो भी स्त्री इस त्यौहार को मनाती है वे पूरे दिन व्रत रखती है

हरियाली तीज या हरतालिका तीज के दिन महिलाये सुबह जल्दी स्नान करके तैयार होती है और फिर पूरे दिन बिना कुछ खाए पिए व्रत रखती है और फिर शाम के समय में सोलह श्रृंगार के साथ खुद को सजाती है,

एक दुसरे के हाथो में पहले से मेहदी लगाकर रखती है ताकि इस दिन खुद का सोलह श्रृंगार कर सके, इस त्यौहार में बिन मेहँदी के त्यौहार सुना सुना लगता है.

और फिर माँ पार्वती और भोलेनाथ की पूजा के लिए पूरे विधि के साथ मंदिर जाती है इस हरियाली तीज या हरतालिका तीज के दिन महिलाये शाम को मंदिर पर इक्कठा होती है और फिर श्रृंगार के सामान के साथ फल–फूल और पूजा के सामानों को माँ पार्वती को चढ़ाती है,

और हरियाली तीज या हरतालिका तीज व्रत कथा सुनती है और एक दुसरे को सिंदूर लगाती है और पूरे विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करती है और ईश्वर से पति की लम्बी आयु की कामना करती है.

फिर वापिस घर आने के बाद पति के हाथो ही जल ग्रहण कर अपने व्रत को तोडती है और इस तरफ देखा जाय तो करवा चौथ के तरह वह त्यौहार भी पति की दीर्घायु के लिए मनाया जाता है.

             हरियाली तीज या हरतालिका तीज का महत्व--

हरियाली तीज या हरतालिका तीज पत्निया अपने पति के लम्बी आयु की कामना के साथ इस त्यौहार को मनाती है हर त्यौहार की तरह इस त्यौहार का अपना विशिष्ट महत्व है,

अक्सर पति पत्नी में लड़ाई झगडे होते रहते है तो इस त्यौहार के जरिये पत्नी अपने पति के लिए प्यार पा सकती है और वैवाहिक जीवन सुमधुर हो जाते है.

इस दिन महिलाये भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते है जिस कारण से ये महिलाये भगवान शिव के आशीर्वाद की अधिकारी बन जाती है जिस कारण से उनके परिवार में सुख शांति और समृद्धि का माहौल का निवास होता है.

इसके अतिरिक्त हरियाली तीज या हरतालिका तीज का सामाजिक महत्व है जिस कारण से किसान को धरती का अन्नदाता कहा गया है वे भी वर्षा के भरोशे रहते है,

ऐसे में यह सावन की बारिश धरती को हर भरा बन देता है और साथ में किसानो की खेती के लिए यह धरती और वर्षा का जल अनुकूल होता है जिस कारण से किसान कजली लोकगीत गाते है और इसे कजली तीज या हरियाली तीज के रूप में त्यौहार मनाया जाता है.

                      (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-अच्छी ऍडव्हाईस.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-18.09.2023-सोमवार
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