गणेश चतुर्थी-निबंध-3

Started by Atul Kaviraje, September 19, 2023, 04:30:23 PM

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Atul Kaviraje


                                      "गणेश चतुर्थी"
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मित्रो,

     आज दिनांक-१९.०९.२०२३-मंगळवार है. आज "गणेश चतुर्थी" है. भगवान गणेश को समर्पित पर्व गणेश चतुर्थी जल्द ही प्रारंभ होने वाला है। लोग इस दौरान घरों में बप्पा की विधिवत पूजा-अर्चना करते हैं। चतुर्थी तिथि 18 सितंबर 2023 को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट से प्रारंभ होगी और 19 सितंबर को दोपहर 01 बजकर 43 मिनट पर समाप्त होगी। मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको श्री गणेश चतुर्थी की बहोत सारी शुभकामनाये. आईए, पढते है गणेश चतुर्थी पर निबंध. 

                     गणेश चतुर्थी उत्सव पर निबंध-- 

             प्रस्तावना--

     भारत में गणेश चतुर्थी सबसे प्रसिद्ध त्योहार है। इसे हिन्दू धर्म के लोगों के द्वारा हर साल बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। खासतौर से बच्चे भगवान गणेश को बहुत पसंद करते है और उनकी पूजा कर बुद्धि तथा सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त करते है। लोग इस पर्व की तैयारी एक महीने पहले, हफ्ते या उसी दिन से शुरु कर देते है। इस उत्सवी माहौल में बाजार अपनी पूरी लय में रहता है। हर जगह दुकानें गणेश की मूर्तियों से भरी रहती है और लोगों के लिये प्रतिमा की बिक्री को बढ़ाने के लिये बिजली की रोशनी की जाती है।

     भक्त गण भगवान गणेश को अपने घर ले आते है तथा पूरी आस्था से मूर्ति की स्थापना करते है। हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि जब गणेश जी घर पर आते है तो ढेर सारी सुख, समृद्धि, बुद्धि और खुशी ले आते है हालाँकि जब वो हमारे घर से प्रस्थान करते है तो हमारी सारी बाधाएँ तथा परेशानियों को साथ ले जाते है। भगवान गणेश को बच्चे बहुत प्रिय है और उनके द्वारा उन्हें मित्र गणेश बुलाते है। लोगों का समूह गणेश जी की पूजा करने के पंडाल तैयार करता है। वो लोग पंडाल को फूलों और प्रकाश के द्वारा आकर्षक रुप से सजाते है। आसपास के बहुत सारे लोग प्रतिदिन उस पंडाल में प्रार्थना और अपनी इच्छाओं के लिये आते है। भक्त गण भगवान गणेश को बहुत सारी चीजें चढ़ाते है जिसमें मोदक उनका सबसे पसंदीदा है।

     ये उत्सव 10 दिनों के लिये अगस्त और सितंबर में मनाया जाता है गणेश चतुर्थी पूजा दो प्रक्रियाओं को शामिल करती है; पहला मूर्ति स्थापना और दूसरा मूर्ति विसर्जन (इसे गणेश विसर्जन भी कहा जाता है)। हिन्दू धर्म में एक रीति प्राण प्रतिष्ठा पूजा की जाती है (मूर्ति में उनके पवित्र आगमन के लिये) तथा शोधसोपचरा (भगवान को 16 तरीकों से सम्मान देना) की जाती है। 10 दिनों की पूजा के दौरान कपूर, लाल चन्दन, लाल फूल, नारियल, गुड़, मोदक और दुराव घास चढ़ाने की प्रथा है। पूजा की समाप्ति के समय गणेश विसर्जन में लोगों की भारी भीड़ विघ्नहर्ता को खुशी-खुशी विदा करती है।

              निष्कर्ष--

     इस उत्सव में लोग गणेश की मूर्ति को घर ले आते है अगले 10 दिनों तक पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा करते है। अनन्त चतुर्दशी अर्थात् 11वें दिन गणेश विसर्जन करते है और अगले वर्ष दुबारा आने की कामना करते है। लोग उनकी पूजा बुद्धि तथा समृद्धि की प्राप्ति के लिये करते है। इस उत्सव को विनायक चतुर्थी या विनायक छवि (संस्कृत में) भी कहते है।

--By Yogesh Singh
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                       (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदी की दुनिया.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-19.09.2023-मंगळवार.
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