गणेश चतुर्थी-निबंध-9

Started by Atul Kaviraje, September 19, 2023, 04:38:20 PM

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Atul Kaviraje

                                      "गणेश चतुर्थी"
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मित्रो,

     आज दिनांक-१९.०९.२०२३-मंगळवार है. आज "गणेश चतुर्थी" है. भगवान गणेश को समर्पित पर्व गणेश चतुर्थी जल्द ही प्रारंभ होने वाला है। लोग इस दौरान घरों में बप्पा की विधिवत पूजा-अर्चना करते हैं। चतुर्थी तिथि 18 सितंबर 2023 को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट से प्रारंभ होगी और 19 सितंबर को दोपहर 01 बजकर 43 मिनट पर समाप्त होगी। मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको श्री गणेश चतुर्थी की बहोत सारी शुभकामनाये. आईए, पढते है गणेश चतुर्थी पर निबंध. 

                        गणेश चतुर्थी पर निबंध--

              प्रस्तावना--

     गणेश चतुर्थी  हिंदुओं के प्रमुख त्यौहारों में से एक त्योहार है इस दिन गणेश जी की प्रतिमा को देश के हर घर गली मोहल्ले व राज्य में पांडाल बनाकर स्थापित किया जाता है। बड़े-बड़े और भव्य पंडाल लगाए जाते हैं जहां गणेश जी की मूर्ति बिठाई जाती है और लोग बड़ी धूमधाम से गणेश जी का स्वागत करते हैं। गणेश जी को खुश करने के लिए लोग कई तरह के प्रसाद बनाकर उन्हें चढ़ाते भी हैं। गणेश जी को देवता में प्रथम देव कहा जाता है इसलिए उन्हें सभी देवताओं से पहले हर शुभ काम के लिए याद किया जाता है।

              गणेश चतुर्थी क्यों मनाते हैं?--

     गणेश चतुर्थी का धार्मिक और पौराणिक महत्व है। कहा जाता है चतुर्थी के दिन दोपहर में शिवजी और पार्वती जी के पुत्र गणेश जी का जन्म हुआ था इसलिए गणेश चतुर्थी मनाई जाती है।उनके जन्मदिन के रूप में 11 दिनों तक गणेश चतुर्थी मनाई जाती है तथा धूमधाम से गणपति बप्पा का अपने घर में स्वागत किया जाता है। वैसे तो हिंदुओं में सभी देवताओं को उतना ही सम्मान दिया जाता है परंतु गणेश जी को अपना भगवान मानते हैं क्योंकि वह खुद चलकर लोगों के घर आते हैं। गणेश जी को सबसे प्रिय भगवान भी माना जाता है और यह बच्चों के सबसे पसंदीदा भगवानों में से एक है। गणेश जी को घर लाने से रिद्धि सिद्धि भी साथ आती है और कहा जाता है कि 10 दिन बप्पा को अपने घर में बिठाने से घर की सारी परेशानी दूर हो जाती है और घर खुशियों से भर जाता है।

            गणेश चतुर्थी किसने और कब शुरू की?--

     गणेश चतुर्थी की शुरुआत भारत में सबसे पहले बाल गंगाधर तिलक द्वारा महाराष्ट्र में की गई थी। गणेश जी को पांडाल बनाकर गली चौराहों पर बिठाने का मुख्य कारण यह था की पांडाल में भीड़ को इकट्ठा करके आजादी की आवाज को और बुलंद किया जाए। क्योंकि अंग्रेजों द्वारा भारत में किसी भी त्योहार को मनाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था जिसके कारण लोगों का एक साथ इकट्ठा हो पाना थोड़ा मुश्किल हो रहा था इसलिए इस समस्या का हल निकालने के लिए बाल गंगाधर तिलक ने महाराष्ट्र में सबसे पहले गणेश पांडाल बनाकर गणेश चतुर्थी का आगमन किया। और वैसे भी महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी का त्योहार सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी का त्योहार सारी दुनिया में फेमस है। महाराष्ट्र में गणेश जी बिठाने से लेकर उनके विसर्जन तक इस त्यौहार को बड़ी ही अलग तरीके से मनाया जाता है।

                        (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-एस्से दुनिया.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-19.09.2023-मंगळवार.
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