गणेश चतुर्थी-निबंध-10

Started by Atul Kaviraje, September 19, 2023, 04:39:35 PM

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Atul Kaviraje

                                       "गणेश चतुर्थी"
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मित्रो,

     आज दिनांक-१९.०९.२०२३-मंगळवार है. आज "गणेश चतुर्थी" है. भगवान गणेश को समर्पित पर्व गणेश चतुर्थी जल्द ही प्रारंभ होने वाला है। लोग इस दौरान घरों में बप्पा की विधिवत पूजा-अर्चना करते हैं। चतुर्थी तिथि 18 सितंबर 2023 को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट से प्रारंभ होगी और 19 सितंबर को दोपहर 01 बजकर 43 मिनट पर समाप्त होगी। मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको श्री गणेश चतुर्थी की बहोत सारी शुभकामनाये. आईए, पढते है गणेश चतुर्थी पर निबंध. 

             गणेश विसर्जन का इतिहास--

     गणेश चतुर्थी का त्योहार बप्पा के अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार अनंत चतुर्थी के दिन गणेश जी का विसर्जन किया जाता है। इस विसर्जन के पीछे एक बड़ी वजह भी है। कहा जाता है कि जब वेदव्यास जी ने गणेश जी को महाभारत कथा सुनाई और उसे लिखने के लिए कहा महाभारत बोलते बोलते वेदव्यास जी की आंख लग गई और जब 10 दिन बाद उनकी आंख खुली तो गणेश जी का शरीर गर्मी से बहुत गर्म हो गया था इसके बाद उन्होंने गणेश जी को उठा कर उनके शरीर को ठंडा करने के लिए जल में विसर्जित किया तभी से गणेश विसर्जन की परंपरा चली आ रही है। और यह भी कहा जाता है कि गणेश जी को विसर्जित करने से गणेश जी अपने धाम जाकर आपके सभी दुख दर्द को अपने साथ ले जाते हैं। गणेश जी को विसर्जित करते वक्त लोग भावुक भी हो जाते हैं।

             गणेश चतुर्थी का महत्व--

     गणेश चतुर्थी का त्योहार खुशी और उमंग का त्योहार है। इस दिन से लेकर अलग 10 दिनों तक रौनक रहती है और सब लोग एक साथ मिलकर पूजन आरती करती हैं। सभी लोग साथ इक्कठे होते हैं और सुबह और शाम के समय पूजा करते हैं। सभी जगह खुशी का माहौल होता है सब विघ्न हरता से अपने जीवन के विघ्नों को हरने के लिए प्रार्थना करते हैं और यह कामना करते हैं कि जाते-जाते हमारी सारी परेशानियों को बप्पा अपने साथ लेते जाना। लोग सुबह शाम की आरती के बाद रात को गणेश जी के पंडाल में भजन कीर्तन भी बड़ी धूमधाम से करते हैं। कहा जाए तो 10 दिनों तक गली मोहल्लों में एक तरह का मेला लगा रहता है। सालों से गणेश चतुर्थी को एक त्यौहार की तरह मनाया जाता है और यह त्यौहार हिंदुओं को एक साथ जुड़े रहने के लिए भी अहम भूमिका निभाता है। हमारे गणेश जी मन के बड़े चंचल और भोले भगवान माने जाते हैं इसलिए लोग उन्हें तरह-तरह का भोजन प्रसादी चढ़ा कर खुश करने की कोशिश करते हैं और बप्पा लोगों की इस भावना को देखकर उनके सारे कष्टों को अपने साथ ले जाते हैं।

               उपसंहार--

     गणेश चतुर्थी खुशी का त्योहार है जिसमें सभी लोग साथ मिलकर खुशियां मनाते हैं और बप्पा का स्वागत और पूजा करते हैं। गणेश जी को बैठक तक पंडालों और आस पास के गली मौहल्ले में वातावरण बना रहता है। गणेश विसर्जन के दिन बप्पा को विसर्जित किया जाता है और विसर्जन के लिए गणेश जी को बड़ी धूमधाम से अपने घरों से लेकर नदी तक ले आ जाया जाता है तथा विसर्जित करने से पहले बप्पा की एक अंतिम आरती की जाती है और कहा जाता है कि हे विघ्नहर्ता जाते-जाते हमारे जीवन के सारे दुख दर्द अपने साथ लेते जाएं और हमारे जीवन को खुशहाली प्रदान करते जाएं।

                          (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-एस्से दुनिया.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-19.09.2023-मंगळवार.
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