नरक चतुर्दशी-जIनकारी-3

Started by Atul Kaviraje, November 12, 2023, 09:58:12 PM

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Atul Kaviraje


                                     "नरक चतुर्दशी"
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मित्रो,

     आज दिनांक-१२.११.२०२३- रविवार है. आज "नरक चतुर्दशी" है. इस दिन सुबह अभ्यंग स्नान किया जाता है, स्त्रियां इसमें उबटन लगाकर अपना रूप निखारती हैं. वहीं शाम के समय यमराज के निमित्त दीपदान करने की प्रथा है. मराठी कविताके मेरे सभी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको नरक चतुर्दशी की बहोत सारी शुभकामनाये. आईए, लेते है नरक चतुर्दशी की जIनकारी.

              Narak Chaturdashi के लिए सुरक्षा युक्तियाँ और सावधानियाँ--

        यहां नरक चतुर्दशी पर लोगों को लेनी चाहिए कुछ सावधानियां:--

-दीये, मोमबत्तियाँ जलाते समय या पटाखा जलाते समय बहुत सावधान रहें। इन्हें हमेशा खुली जगहों और जलस्रोतों के पास जलाएं।

-बच्चों को बिना निगरानी के पटाखे न जलाने दें। पटाखों से होने वाली दुर्घटनाओं में चोट लगना आम बात है।

-तेल स्नान अनुष्ठान करते समय आरामदायक सूती कपड़े पहनें ताकि तेल अच्छी तरह से प्रवेश कर सके। परंपरागत रूप से रेशम या अन्य विस्तृत कपड़ों से परहेज किया जाता है।

-Dilwali से पहले घरों का नवीनीकरण करते समय बहुत अधिक नई सजावटी वस्तुओं का उपयोग करने से बचें। आग के जोखिम से बचने के लिए पेंट/रंगों को सूखने का पर्याप्त समय दें।

-निर्जलीकरण से बचने के लिए सामुदायिक पुतला दहन अनुष्ठानों में भाग लेते समय खूब पानी पियें। धुएं से बचाव के लिए मास्क भी पहनें।

-Narak Chaturdashi के लिए समय पर मिठाई और नमकीन तैयार कर लें. आग या चोट के जोखिम के कारण अंतिम समय में गैस स्टोव पर खाना पकाने से बचें।

-पड़ोस के समारोहों में भाग लेने पर सभी कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करें। भीड़-भाड़ वाले इलाकों से बचें और स्वच्छता बनाए रखें।

-रिहायशी इलाकों में धीरे-धीरे वाहन चलाएं। त्योहारी हलचल के कारण सड़कों पर पैदल चलने वालों की संख्या अधिक हो सकती है। वाहन चलाते समय फोन का प्रयोग करने से बचें।

     इन युक्तियों का पालन करके और सुरक्षा सावधानियां बरतकर, हर कोई खुशी से Narak Chaturdashi celebrations में भाग ले सकता है और Diwali उत्सव एक शुभ नोट पर शुरू कर सकता है। मुख्य बात यह है कि सोच-समझकर और जिम्मेदारी से जश्न मनाया जाए।

     नरक चतुर्दशी अच्छाई की जीत और बुराई के खिलाफ, प्रकाश के खिलाफ अंधकार का प्रतीक है। इसकी रीतिरिवाज और पूजाएँ एक व्यक्ति के आत्मा को शुद्ध करने, समृद्धि और खुशियाँ लाने का उद्देश्य रखती हैं। यह दीपावली/Deepavali के शेष भाग के लिए माहौल तैयार करता है।

     इस साल 12 November को, जल्दी उठें, एक तेल स्नान लें, दीपक जलाएं, मिठाई बनाएं, अगर संभव हो तो मंदिर जाएं और अपनों के साथ नरक चतुर्दशी का जश्न मनाएं। त्योहारी दृश्य, खुशबू और मुस्कान निश्चित रूप से आपके दिल को आनंद से भर देंगे। यहां सभी को एक बहुत खुश और सुरक्षित नरक चौदस 2023 की शुभकामनाएं! यह Diwali आपको सफलता और संतोष लाए।

            FAQs--

--नरक चतुर्दशी क्यों मनाई जाती है?

--नरक चतुर्दशी को भगवान कृष्ण द्वारा असुर नरकासुर की हत्या के साथ मनाया जाता है। इससे अच्छाई की जीत और बुराई के खिलाफ, प्रकाश के खिलाफ संकेत होता है।

--नरक चतुर्दशी का दूसरा नाम क्या है?

--नरक चतुर्दशी को विभिन्न भागों में नरक चौदस, छोटी दिवाली, काली चौदस और भूत चतुर्दशी जैसे अन्य नामों से जाना जाता है।

--नरक चतुर्दशी के क्या रीतिरिवाज हैं?

--मुख्य रीतिरिवाज में सुबह उठकर, तेल स्नान करना, दीपक जलाना, खेल खेलना, उत्सवी भोजन बनाना, काली पूजा करना और नरकासुर की पुतली जलाना शामिल हैं।

--भारत के विभिन्न राज्यों में नरक चतुर्दशी कैसे मनाई जाती है?

--क्षेत्र के अनुसार आचार्य और उत्सव भिन्न होते हैं। विशेष मिठाई बनती है, दीपों की प्रज्ज्वलन होती है, और काली पूजा की जाती है। गोवा और गाँवी क्षेत्रों में, नरकासुर की पुतली जलती है। यहां स्थानीय भाषाओं में त्योहार के नाम भी बदल जाते हैं।

                        (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-दिलदारनगर.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-12.11.2023-रविवार.
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