लक्ष्मी पूजन-जIनकारी-1

Started by Atul Kaviraje, November 12, 2023, 10:29:07 PM

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Atul Kaviraje


                                      "लक्ष्मी पूजन"
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मित्रो,

     आज दिनांक-१२.११.२०२३-रविवार है. आज "लक्ष्मी पूजन" है. दिवाली हिंदू धर्म के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है। दिवाली पर पूरे घर और आस-पास की जगहों को दीपों से रोशन किया जाता है। साथ ही इस दिन लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व है। ऐसे में आइए जानते हैं दिवाली पर लक्ष्मी पूजन के कुछ उपाय जिनके द्वारा आप अपने भाग्य में वृद्धि कर सकते हैं। मराठी कविताके मेरे सभी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको लक्ष्मी पूजन और दीपावली त्योहार की बहोत सारी हार्दिक शुभकामनाये. आईए, लेते है लक्ष्मी पूजन की जIनकारी.

     Diwali 2023: दिवाली के दिन इस विधि से करें पूजा, मां लक्ष्मी हो जाएंगी प्रसन्न. दिवाली के दिन लक्ष्मी जी की पूजा (Laxmi pujan) विधि-विधान करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और मां का कृपा बनी रहती है।

     'दिवाली' सबसे लोकप्रिय और बड़ा त्योहार है। दिवाली एक ऐसा त्योहार जिसका इंतजार हमें सालभर से रहता है। इस अवसर पर लोग अपने घरों की साफ-सफाई करके माता लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा करते हैं।

     दिवाली को पांच दिनों तक मनाया जाता है। इसकी शुरुआत धनतेरस से होती है और भैया दूज के दिन चलती है।

     दिवाली के दिन लक्ष्मी जी की पूजा विधि-विधान करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और मां का कृपा बनी रहती है।

     दिवाली का पर्व प्रत्येक वर्ष कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है। आपको बता दें, इस वर्ष दिवाली 12 नवंबर, 2023 दिन रविवार को मनाई जाएगी।

            दिवाली का महत्व (importance of Diwali)--

     'दिवाली' को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता हैं। यह त्योहार भगवान राम की याद में मनाया जाता है जो 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे।

     यह रोशनी का त्योहार है, जो अंधकार में रोशनी का विजय प्रतीक है। दिवाली वास्तव में एक मिलन का त्योहार है, जिसमें सभी अपनों से मिलते हैं और खुशियां बांटते हैं।

     दिवाली से दो दिन पहले धनतेरस से ही यह उत्सव शुरू हो जाता है और अमावस्या के दिन दीपक जलाकर दिवाली मनाते हैं। यह पर्व हमारे जीवन में सुख-शांति लाता है। इस अवसर पर व्यापारी अपने व्यवसायों क नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत भी करते हैं।

        दिवाली पूजा शुभ मुहूर्त 2023 (Diwali Puja Muhurat)--

इस वर्ष दिवाली 12 नवंबर, 2023 को मनाई जाएगी।

पंचाग के अनुसार दिवाली 12 नवंबर 2023 की रात को मनाना सबसे शुभ रहेगा।
लक्ष्‍मी पूजा (laxmi puja) के लिए शुभ मुहूर्त 12 नवंबर की शाम 5:40 मिनट से लेकर 7:36 मिनट तक करीब 1 घंटे 55 मिनट का रहेगा।

          दिवाली पूजा सामग्री (diwali puja samagri)--

एक चौकी, लाल कपड़ा, भगवान गणेश और माँ लक्ष्मी की प्रतिमा या फोटो, अक्षत यानी साबुत चावल के दानें जो टूटे न हों, कुमकुम, हल्दी, दूर्वा, सुपारी, लौंग, इलायची, एक तांबे या पीतल का कलश, आम के पत्ते, पान के पत्ते, मौली, दो नारियल, 2 बड़े दीपक, 11 छोटे दीपक, घी, सरसों का तेल, दीये की बाती, धूप, अगरबत्ती, जल पात्र, गंगाजल, पुष्प, कमल का फूल, मीठे बताशे, खील, मिठाई, फल, पकवान, मेवे।

आपको बता दें, कि लक्ष्मी पूजा (laxmi pujan) में कई जगह कमलगट्टे, कौड़ी और धनिया चढ़ाने की भी परंपरा है, तो अगर आप चाहें तो ये सामग्री चढ़ा सकते हैं।

         दिवाली पूजा विधि (Diwali Puja Vidhi 2023)--

जहां पूजा करनी है, उस जगह को साफ करें।

ज़मीन पर आटे या चावल से चौक बनाएं।

आपसे चौक न बनें तो केवल कुमकुम से स्वास्तिक बना लें या कुछ दाने अक्षत के रख दें।

इसपर अब एक चौकी रखें, उसपर लाल कपड़ा बिछाएं।

अक्षत का आसन देते हुए, माता लक्ष्मी और गणेश को विराजमान करें।

लक्ष्मी जी को गणेश जी के दाहिने ओर ही स्थापित करें और दोनों प्रतिमाओं का मुख पूर्व या पश्चिम दिशा में ही रखें।
अब हम दोनों प्रतिमाओं के आगे थोड़े रुपए, गहने और चांदी के सिक्के रखें।

चांदी के सिक्के देवता कुबेर का स्वरूप होते हैं, अगर यह आपके पास उपलब्ध न हों तो आप कुबेर जी का चित्र या प्रतिमा भी स्थापित कर सकते हैं।

लक्ष्मी जी के दाहिनी तरफ अक्षत से अष्टदल यानी 8 पखुंडियों वाला एक पुष्प बनाएं।

जल से भरे कलश को उसपर रख दें, इसके अंदर गंगा जल, हल्दी, कुमकुम, अक्षत, दूर्वा, सुपारी, लौंग और इलायची का जोड़ा डालें।

अगर आपके पास यह सब सामग्री नहीं है तो केवल शुद्ध जल, अक्षत, हल्दी और कुमकुम भी डाल सकते हैं।

कलश पर हम कुमकुम से स्वास्तिक बनाएं।

साथ ही आम के पत्तों पर भी हल्दी-कुमकुम लगाएं।

इस कलश में आम के पत्ते भी डालें और उसके ऊपर नारियल पर मौली बांधकर रख दें।

चौकी के सामने अन्य सामग्री भी लगा कर रख दें।

आप दो बड़े चौमुखी घी के दीपक रख लें और 11 दीयों में सरसों का तेल डालें।

आप शुभ मुहूर्त से पहले स्नान कर लें और नए वस्त्र पहन लें। शुभ मुहूर्त 12 नवंबर, 2023 को शाम 5:40 मिनट से लेकर 7:36 मिनट तक पूजा संपन्न कर लें।

इस शुभ मुहूर्त में पूजा स्थल पर चौकी के सामने अपने सभी परिवार के सदस्यों के साथ आसन ग्रहण कर लें।

                           (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-वामI.अँप)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-12.11.2023-रविवार.
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