लक्ष्मी पूजन-जIनकारी-2

Started by Atul Kaviraje, November 12, 2023, 10:30:40 PM

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Atul Kaviraje

                                      "लक्ष्मी पूजन"
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मित्रो,

     आज दिनांक-१२.११.२०२३-रविवार है. आज "लक्ष्मी पूजन" है. दिवाली हिंदू धर्म के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है। दिवाली पर पूरे घर और आस-पास की जगहों को दीपों से रोशन किया जाता है। साथ ही इस दिन लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व है। ऐसे में आइए जानते हैं दिवाली पर लक्ष्मी पूजन के कुछ उपाय जिनके द्वारा आप अपने भाग्य में वृद्धि कर सकते हैं। मराठी कविताके मेरे सभी भाई-बहन, कवी-कवियित्रीयोको लक्ष्मी पूजन और दीपावली त्योहार की बहोत सारी हार्दिक शुभकामनाये. आईए, लेते है लक्ष्मी पूजन की जIनकारी.

            लक्ष्मी पूजा विधि (Laxmi Puja Vidhi)--

इसके बाद, जल पात्र में एक पुष्प को डुबोकर, सभी देवी-देवताओं पर छिड़कें।

आचमन के लिए आप इस तरह बाएं हाथ से दाएं हाथ में जल लें और दोनों हाथों को साफ करें।

       अब तीन बार यह जल स्वयं ग्रहण करें और साथ ही इन मंत्रों का उच्चारण करें--

ॐ केशवाय नमः

ॐ नारायणाय नमः

ॐ माधवाय नमः

इसके बाद फिर से हाथ धो लें।

दोनों घी के बड़े दीपकों की गणेश जी और लक्ष्मी जी के सामने प्रज्वलित करें I
एक तेल का दीपक कलश के समक्ष जलाएं।

एक दीपक आप पितरों के नाम से पूजा में जला लें।

अब दीपक के साथ धूप और अगरबत्ती भी जलाकर, भगवान जी को दिखाएं।

अब हाथ में पुष्प लेकर, अपनी आंखें बंद करें और इस मंत्र के साथ गणेश जी का आवाहन करें--

          ऊँ गं गणपतये नमः।

इसके बाद माता लक्ष्मी का आवाहन करते हुए, इस मंत्र का उच्चारण करें- ऊँ महालक्ष्म्यै नमः।

भगवान गणेश, माता लक्ष्मी, कुबेर जी, कलश और दीपक को एक-एक करके पुष्प अर्पित करें।

अब माता लक्ष्मी को हम वस्त्र रूपी मौली अर्पित करें और गणेश जी को जनेऊ अर्पित करें।

कुमकुम से दोनों प्रतिमाओं को तिलक करें। साथ ही चांदी के सिक्कों और गहनों को तिलक लगाएं।

अब भगवान गणेश और माता लक्ष्मी के चरणों में अक्षत अर्पित करें।

ऐसा करने के बाद हम कमल का फूल और कमल गट्टे भी भगवान जी को चढ़ाएंगे।

माता लक्ष्मी को नारियल अर्पित करें।

अब दो लौंग, दो इलायची, और सुपारी, पान के पत्ते पर रखकर भगवान गणेश और माँ लक्ष्मी के सामने रख दें।

अब बारी है भगवान जी को भोग अर्पित करने की, इसके लिए हम भगवान को खील और चीनी के बताशों का भोग लगाएंगे।

भोग में आप मिठाई, फल और पकवान भी चढ़ा सकते हैं।

भोग के बाद चम्मच से चारों ओर जल घुमाएं और नीचे गिरा दें।

अब भगवान की आरती उतारते हुए भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की आरती गाएं।

आरती के बाद, हाथ में पुष्प और अक्षत लें ले और ईश्वर से यह प्रार्थना करें कि, "आप हमारी पूजा स्वीकार करना, और हमें जीवन में सुख-समृद्धि और सद्बुद्धि प्रदान करना।

साथ ही पूजा अब हम पूजा में हुई, किसी भी गलती के लिए मांफी मांगे, अगर हमसे इस पूजा में कोई भी भूल-चूक हुई हो तो हमें क्षमा करें।

इसके बाद, यह पुष्प और अक्षत भगवान के चरणों में छोड़ दें।

अंत में सबको आरती दें और भोग को प्रसाद के रूप में वितरित करें।

अपने घर में बड़े लोगों का आशीर्वाद ज़रूर लें।

बचे हुए दीयों को घर के विभिन्न स्थानों पर रख दें।

ध्यान रहे, दीयों का मुख बाहर की तरफ होना चाहिए।

इस प्रकार दिवाली पूजा (Diwali Puja) संपन्न हुई।

                           (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-वामI.अँप)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-12.11.2023-रविवार.
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