बदलते समय और परंपरा

Started by Atul Kaviraje, October 29, 2024, 10:00:30 PM

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Atul Kaviraje

बदलते समय और परंपरा-

बदलते समय के साथ हमारी परंपराओं में भी बदलाव आ रहा है। आधुनिकता, तकनीकी प्रगति और वैश्वीकरण ने समाज में कई बदलाव लाए हैं। इन परिवर्तनों के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलू हैं, जो हमारी सांस्कृतिक पहचान को प्रभावित कर रहे हैं।

1. तकनीकी प्रभाव
आज की तकनीक ने जीवन को आसान बनाया है। इंटरनेट और स्मार्टफोन के माध्यम से जानकारी का प्रवाह तेजी से हो रहा है। युवा पीढ़ी को अब परंपराओं के बारे में जानने और उन पर चर्चा करने का अवसर मिल रहा है। हालांकि, इस प्रक्रिया में कुछ पारंपरिक मूल्य और रीति-रिवाज भी कमजोर पड़ रहे हैं।

2. शैक्षिक और सामाजिक परिवर्तन
बदलते समय ने शिक्षा के स्तर पर बदलाव किया है। आधुनिक शिक्षा प्रणाली ने विविधता और विचारों के आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया है। हालांकि, इससे कुछ जगहों पर पारंपरिक शिक्षण पद्धतियों के प्रति कम रुचि देखी जा रही है। पारिवारिक मूल्य और बड़े-बुजुर्गों के अनुभवों का सम्मान भी कम होता जा रहा है।

3. सांस्कृतिक विविधता
बदलते समय में विभिन्न सांस्कृतिक प्रभावों का समावेश हुआ है। इससे न केवल सांस्कृतिक विविधता बढ़ी है, बल्कि एकरूपता में कमी भी आई है। लोग अपनी परंपराओं को संजोते हुए उनमें आधुनिकता का समावेश कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, पारंपरिक कला और शिल्प को आधुनिक डिज़ाइन में अपनाया जा रहा है।

4. नई परंपराएं
बदलते समय में कुछ नई परंपराएं भी उभरकर आई हैं, जो पुरानी परंपराओं को चुनौती दे रही हैं। जैसे, सामाजिक न्याय, लिंग समानता और पर्यावरण की रक्षा के मुद्दों पर जागरूकता बढ़ रही है। नई पीढ़ी पारंपरिक मूल्यों को समर्पित रखकर उनके उपयोगिता के अनुसार बदलाव ला रही है।

5. निष्कर्ष
बदलते समय में परंपरा स्थिरता नहीं, बल्कि बदलाव की प्रक्रिया है। परंपरा और आधुनिकता के बीच संतुलन बनाना आवश्यक है। अपने मूल मूल्यों को बनाए रखते हुए परिवर्तन का स्वागत करना आवश्यक है। इससे हम अपनी पहचान को बनाए रखते हुए भविष्य की ओर अग्रसर हो सकते हैं।

इसलिए, बदलते समय की परंपरा को समझना और उसका सम्मान करना आवश्यक है।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-29.10.2024-मंगळवार.
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