नरक चतुर्दशी

Started by Atul Kaviraje, October 31, 2024, 10:22:28 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

नरक चतुर्दशी: जानकारी-

नरक चतुर्दशी या काळ चतुर्दशी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन को विशेष रूप से मृत्यु के देवता यमराज की पूजा और पापों से मुक्ति के लिए जाना जाता है।

महत्व
नरक चतुर्दशी के दिन भक्त यमराज से प्रार्थना करते हैं कि उन्हें नरक में न जाना पड़े। इस दिन पवित्र स्नान, पूजा और दान का विशेष महत्व है। यह दिन दिवाली उत्सव की तैयारी का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।

विधि
स्नान: नरक चतुर्दशी के दिन प्रातःकाल स्नान करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। विशेषकर उषा काल का स्नान पुण्यदायक माना जाता है।

पूजा: घर में स्वच्छता और देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। यमराज की विशेष पूजा भी की जाती है।

दान: इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान देने का विशेष महत्व है। अन्न, वस्त्र, और अन्य सामान का दान करना शुभ माना जाता है।

भोजन: इस दिन कुछ लोग विशेष रूप से तले हुए व्यंजन और मिठाइयाँ बनाते हैं। कई भक्त उपवासी भी रहते हैं।

कथा
इस पर्व से जुड़ी एक प्रसिद्ध कथा है। एक बार यमराज ने अपने भक्तों को नरक में भेजने का निर्णय लिया। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि जो इस दिन पूजा करेगा और स्नान करेगा, वह नरक में नहीं जाएगा। इस प्रकार भक्तों ने यमराज से प्रार्थना की और अपने पापों का प्रायश्चित्त किया।

समापन
नरक चतुर्दशी का पर्व पापों से मुक्ति पाने और सकारात्मकता लाने का अवसर प्रदान करता है। इस दिन भक्तों को श्रद्धा और विश्वास के साथ पूजा करनी चाहिए, जिससे उनके जीवन में शांति और समृद्धि आए।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-31.10.2024-गुरुवार.
===========================================