नरक चतुर्दशी

Started by Atul Kaviraje, October 31, 2024, 10:25:41 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

नरक चतुर्दशी-

नरक चतुर्दशी आई, भक्ति का रंग छाया,
स्नान करके करते हम, यमराज का आभार पाया।

पापों का प्रायश्चित्त, श्रद्धा से करते हैं,
दान का महत्व समझकर, जरूरतमंदों को देते हैं।

उजाले की चाह में, हर मन में है विश्वास,
गुणों से भरपूर जीवन, यही है सच्चा प्रयास।

काले काजल से सजें, दीपों की रौशनी,
प्रेम और शांति से भरी, हो हर एक चिरागदानी।

नरक के भय को दूर करें, पूजा से मिले शांति,
संकट में धरती माऊली, हमारी रक्षा करती।

यह पर्व है समर्पण का, प्रेम का बंधन बनाए,
श्रद्धा से जो करेंगे, नरक से मुक्त वो पाए।

नरक चतुर्दशी का ये पर्व, लाए सुख और शांति,
भक्तों के दिल में हो बसे, सच्ची और पावन भक्ति।

--अतुल परब
--दिनांक-31.10.2024-गुरुवार.
===========================================