बलिप्रतिपदI

Started by Atul Kaviraje, November 02, 2024, 09:46:45 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

बलिप्रतिपदI-

बलिप्रतिपदI, जिसे 'बलिपद्यामी' भी कहा जाता है, दिवाली के त्योहार का एक महत्वपूर्ण दिन है, खासकर महाराष्ट्र में इसे धूमधाम से मनाया जाता है। यह दिन भगवान राम के अयोध्या लौटने और रावण के खिलाफ विजय की खुशी के साथ जुड़ा हुआ है। इस अवसर पर, भक्त राजा बलि के स्वागत के लिए खास तैयारियाँ करते हैं, जिन्हें इस दिन विशेष रूप से सम्मानित किया जाता है।

इस दिन घरों में रंगोली बनाई जाती है और दीपों से सजावट की जाती है। लोग अपने घरों के दरवाजों पर बाली के स्वागत के लिए मिट्टी के दीपक लगाते हैं। बलिप्रतिपाद के दौरान विशेष व्यंजन तैयार किए जाते हैं, जैसे तिल के लड्डू, चिवड़ा और अन्य पारंपरिक मिठाइयाँ।

बलिप्रतिपदI का उत्सव एकत्रित होने, प्रेम और एकता का प्रतीक है। परिवार और मित्रों के साथ मिलकर इस दिन को मनाने से न केवल पारिवारिक बंधन मजबूत होते हैं, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक विरासत को भी सहेजता है।

इस दिन लोग एक-दूसरे को शुभकामनाएँ देते हैं और बलि महाराज के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करते हैं। बलिप्रतिपदI का यह त्योहार हमें यह याद दिलाता है कि भले ही समय बदल जाए, पर हमारी संस्कृति और परंपराएँ हमेशा हमारे साथ रहती हैं।

इस विशेष अवसर पर, हम सभी को अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना करनी चाहिए। बलिप्रतिपदI केवल एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति और परंपराओं को मनाने का एक माध्यम है।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-02.11.2024-शनिवार.
===========================================