बलिप्रतिपदा !

Started by Atul Kaviraje, November 02, 2024, 10:19:34 PM

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Atul Kaviraje

बलिप्रतिपदा !

बलिप्रतिपदा लेकर आयी, खुशी की बहार
संग लायी प्रेम का, सुनहरा त्यौहार
घर-घर में रांगोली, रंग-बिरंगी सजावट,
दीप जलाकर स्वागत, बलि महाराज की अदावत।

फूलों की महक से, महका है हर द्वार
मिठाइयों की मिठास से, छाया है सुख का सार
परंपराओं का गूंजता, यह पवित्र राग,
साथ मिलकर मनाएँ, प्रेम और सौहार्द का भाग।

राजा बलि का स्वागत, दिल से करें हम
सुख-समृद्धि की प्रार्थना, सबके संग हो कायम
हर घर में बहे प्रेम, हर मन में हो शांति,
बलिप्रतिपदा के इस दिन, खुशी की हो संजीवनी।

नई उम्मीदों का सूरज, उगता इस दिन
एकता और प्यार से, बुनता हर मन
साझा करें हंसी-खुशियाँ, साथ चलें हर पथ,
बलिप्रतिपदा का पर्व, जीवन में लाए स्वर्णिम रथ।

--अतुल परब
--दिनांक-02.11.2024-शनिवार.
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