भाई दूज: भाई-बहन के प्यार का पर्व

Started by Atul Kaviraje, November 03, 2024, 10:25:04 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

भाई दूज: भाई-बहन के प्यार का पर्व-

भाई दूज, जिसे भाई बीज या भाई दूज के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह विशेष रूप से भाई-बहन के रिश्ते को समर्पित है। भाई दूज का पर्व कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी को मनाया जाता है, जो दीपावली के दूसरे दिन आता है।

भाई दूज का महत्व
भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के रिश्ते को और भी मजबूत बनाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक करती हैं, उनके लिए विशेष पकवान बनाती हैं और उन्हें प्रेमपूर्वक उपहार देती हैं। भाई भी अपनी बहनों को मिठाई और उपहार देकर उनका मान-सम्मान बढ़ाते हैं।

परंपरा और रीति-रिवाज
भाई दूज के दिन, सुबह-सुबह बहनें अपने भाइयों के घर जाकर उन्हें आमंत्रित करती हैं। वे उनकी पूजा करती हैं और उनके लिए विशेष व्यंजन बनाती हैं। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक करके उनके लिए प्रार्थना करती हैं कि वे हमेशा खुश और स्वस्थ रहें।

भाई दूज की एक लोकप्रिय कथा यह है कि यमराज अपनी बहन यमुनि के घर आए थे। यमुनि ने अपने भाई को प्रेमपूर्वक भोजन कराया और उसके दीर्घ जीवन की कामना की। यमराज ने अपनी बहन के प्रेम को देखकर उसे यह आश्वासन दिया कि हर साल वह इस दिन अपनी बहन के घर आएंगे।

भाई दूज का उत्सव
भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के रिश्ते को खास बनाता है। इस दिन के जरिए हम अपने संबंधों को और भी गहरा करते हैं। भाई दूज पर होने वाले उत्सव में प्रेम, समर्पण और रिश्तों की अहमियत को समझा जाता है।

निष्कर्ष
भाई दूज का त्योहार हमारे जीवन में भाई-बहन के रिश्ते की सुंदरता को दर्शाता है। यह एक ऐसा अवसर है, जब हम अपने प्रियजनों के साथ समय बिताते हैं और उनके प्रति अपने प्यार का इज़हार करते हैं। इस दिन का महत्व न केवल पारिवारिक रिश्तों को मजबूत करने में है, बल्कि यह हमें याद दिलाता है कि परिवार और रिश्ते हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं। भाई दूज पर सभी भाई-बहनों को ढेर सारी शुभकामनाएँ!

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-03.11.2024-रविवार.
===========================================