जय संतोषी माता-1

Started by Atul Kaviraje, November 08, 2024, 04:33:35 PM

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Atul Kaviraje

जय संतोषी माता –

प्रस्तावना:

"जय संतोषी माता!" यह शब्द भारत में संतोषी माता के प्रति श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक हैं। संतोषी माता हिन्दू धर्म की एक प्रमुख देवी हैं, जिन्हें सुख, संतोष, और समृद्धि की देवी माना जाता है। संतोषी माता का पवित्र मंदिर भारत के विभिन्न हिस्सों में स्थित है, और खासकर महिलाओं के बीच इनकी पूजा बेहद लोकप्रिय है। मान्यता है कि संतोषी माता के दर्शन से भक्तों के जीवन में सुख-शांति और संतोष की प्राप्ति होती है।

संतोषी माता का महत्व:

संतोषी माता का विशेष महत्व उन भक्तों के लिए है जो जीवन में मानसिक शांति, संतोष और समृद्धि की खोज करते हैं। संतोषी माता के बारे में मान्यता है कि ये भगवान गणेश की उपासना से उत्पन्न हुई हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने से हर प्रकार की मानसिक और भौतिक परेशानी से छुटकारा मिलता है।

संतोषी माता का आशीर्वाद विशेष रूप से उन लोगों को मिलता है जो अपनी मेहनत से संतुष्ट रहते हैं और किसी भी परिस्थिति में मन से संतुष्ट होते हैं। माना जाता है कि संतोषी माता के आशीर्वाद से दीन-हीन, दुखी और परेशान व्यक्ति का जीवन बदल सकता है और उसे सुख, शांति, और समृद्धि प्राप्त हो सकती है।

संतोषी माता का स्वरूप:

संतोषी माता का स्वरूप अत्यंत सरल और शांतिपूर्ण होता है। उन्हें अक्सर हरे रंग के वस्त्र पहने हुए और मुस्कुराती हुई एक सौम्य देवी के रूप में चित्रित किया जाता है। उनके हाथ में बर्तन और एक लड्डू रखा हुआ होता है, जो उनके आशीर्वाद का प्रतीक है। माना जाता है कि संतोषी माता विशेष रूप से उन भक्तों के जीवन में समृद्धि लाती हैं जो उनके प्रति श्रद्धा और संतोष रखते हैं।

संतोषी माता की पूजा विधि:

संतोषी माता की पूजा करना बहुत सरल और आसान है। इसके लिए कोई विशेष अनुष्ठान या जटिल विधि की आवश्यकता नहीं होती। बस भक्त को श्रद्धा और सच्ची निष्ठा से माता का ध्यान करना होता है।

विधि:

सबसे पहले पूजा स्थल को स्वच्छ किया जाता है और वहां पर संतोषी माता की तस्वीर या मूर्ति रखी जाती है।
पूजा करते समय सबसे पहले दीप जलाया जाता है और फिर माता के सामने ताजे फूल अर्पित किए जाते हैं।
संतोषी माता को मीठे पकवान, विशेष रूप से लड्डू अर्पित करने का महत्व है।
पूजा के दौरान "ॐ संतोषी माता की जय" या "जय संतोषी माता" का मंत्र जाप किया जाता है।

मंत्रोच्चारण:

संतोषी माता की पूजा में विशेष मंत्र "ॐ संतोषी माता की जय" का जाप किया जाता है। इसके अलावा, भक्त "ॐ ह्लीं संतोषी माता, ॐ ह्लीं" का मंत्र भी जाप करते हैं, जिससे माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
नैवेद्य:

संतोषी माता को विशेष रूप से लड्डू, गुड़, नारियल और खीर अर्पित की जाती है। इन्हें श्रद्धा से अर्पित किया जाता है।
व्रत और उपवास:

विशेष रूप से शुक्रवार के दिन संतोषी माता का व्रत रखा जाता है। इस दिन उपवासी रहते हुए देवी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि शुक्रवार को संतोषी माता का व्रत रखने से घर में समृद्धि और सुख का वास होता है।
व्रत के दौरान किसी भी प्रकार की मांसाहारी चीजें और शराब का सेवन नहीं किया जाता है।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-08.11.2024-शुक्रवार.
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