पारंपरिक खेलों का महत्व: -2

Started by Atul Kaviraje, November 09, 2024, 10:22:26 PM

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Atul Kaviraje

पारंपरिक खेलों का महत्व: -

4. संस्कार और नैतिक शिक्षा (Values and Moral Education)
पारंपरिक खेल बच्चों को अनेक नैतिक मूल्य भी सिखाते हैं। उदाहरण के लिए, खेलों के दौरान इंसाफ, ईमानदारी, अनुशासन, धैर्य, और सहनशीलता जैसी विशेषताएं विकसित होती हैं। जब बच्चे खेल में हारते हैं, तो वे सीखते हैं कि हार को किस प्रकार स्वीकार करना चाहिए और उसे सुधारने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए।

अनुशासन: किसी भी खेल को खेलते समय नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक होता है। ये खेल बच्चों में अनुशासन और समय की पाबंदी का पाठ पढ़ाते हैं।
ईमानदारी: पारंपरिक खेलों में अक्सर ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है, जहां खिलाड़ियों को ईमानदारी से खेलना होता है। इन खेलों में धोखाधड़ी की कोई जगह नहीं होती, जिससे बच्चों में नैतिक मूल्यों की शुरुआत होती है।

5. संस्कृति और परंपरा का संरक्षण (Preserving Culture and Tradition)
पारंपरिक खेलों का एक बड़ा महत्व यह है कि वे हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखते हैं। हर क्षेत्र के पारंपरिक खेल उस क्षेत्र की संस्कृति, जीवनशैली और रीति-रिवाजों का हिस्सा होते हैं।

स्थानीय संस्कृति की पहचान: भारत के विभिन्न हिस्सों में खेले जाने वाले पारंपरिक खेल, जैसे गुल्ली-डंडा, लंगड़ी, कंबला (कर्नाटका), चिंब वारी (महाराष्ट्र), पटांग गाड़ी (उत्तर प्रदेश) आदि, उन इलाकों की सांस्कृतिक पहचान बन गए हैं। इन खेलों के माध्यम से हम अपनी संस्कृति और परंपराओं से जुड़े रहते हैं।

संस्कार और परंपरा का प्रसार: जब हम इन खेलों को बच्चों और युवाओं तक पहुँचाते हैं, तो हम अपनी परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखते हैं और भविष्य में इसे सुरक्षित रखते हैं।

6. मानसिक तनाव में कमी (Relieving Mental Stress)
आजकल की तेज-तर्रार जीवनशैली और दबावों के कारण मानसिक तनाव एक सामान्य समस्या बन चुकी है। पारंपरिक खेल तनाव को कम करने का एक बेहतरीन तरीका होते हैं। शारीरिक सक्रियता, खेल के दौरान होने वाली मस्ती और आपसी प्रतिस्पर्धा से मन को राहत मिलती है।

मानसिक शांति: खेल खेलने से शरीर में एंडोर्फिन (खुशी के हार्मोन) का स्तर बढ़ता है, जिससे तनाव कम होता है और व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है।

निष्कर्ष:
पारंपरिक खेल हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा रहे हैं और इनका महत्व समय के साथ और बढ़ता जा रहा है। ये न केवल शारीरिक और मानसिक विकास के लिए आवश्यक हैं, बल्कि वे सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। वर्तमान समय में, जब पश्चिमी खेल और डिजिटल मनोरंजन का प्रभाव बढ़ रहा है, हमें इन पारंपरिक खेलों को पुनः प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। पारंपरिक खेल न केवल शारीरिक फिटनेस के लिए आवश्यक हैं, बल्कि वे जीवन के लिए महत्वपूर्ण नैतिक शिक्षा, टीम वर्क, और सामाजिक संबंधों की मजबूती भी प्रदान करते हैं।

हमें अपने बच्चों और युवाओं में पारंपरिक खेलों के प्रति रुचि उत्पन्न करनी चाहिए और इन्हें एक नियमित अभ्यास के रूप में अपनाना चाहिए ताकि हमारी सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण हो सके।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-09.11.2024-शनिवार.
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