पंडित जवाहरलाल नेहरू जयंती:-1

Started by Atul Kaviraje, November 14, 2024, 05:13:06 PM

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Atul Kaviraje

पंडित जवाहरलाल नेहरू जयंती: लेख-

पंडित जवाहरलाल नेहरू भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता, भारतीय गणराज्य के पहले प्रधानमंत्री, और एक महान विचारक थे। उनका जन्म 14 नवम्बर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था। वे भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष थे और उन्हें बच्चों के प्रति विशेष स्नेह और प्रेम था। उनके योगदान को देखते हुए उनकी जयंती बाल दिवस के रूप में मनाई जाती है। पंडित नेहरू का जीवन, उनकी विचारधारा और उनके कार्यों से प्रेरणा लेने का यह एक उत्तम अवसर होता है।

पंडित नेहरू का जीवन परिचय
पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म एक प्रसिद्ध और समृद्ध कश्मीरी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता, मोतीलाल नेहरू, एक प्रसिद्ध वकील और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बड़े नेता थे। पंडित नेहरू का प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा इलाहाबाद में हुई, फिर उन्होंने इंग्लैंड के प्रतिष्ठित ईटन स्कूल और हैरो स्कूल में शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और फिर ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की।

नेहरू जी का जीवन शुरू से ही शिक्षा और ज्ञान के प्रति गहरी रुचि का था। उन्होंने यूरोप के विभिन्न देशों में यात्रा की और वहां की राजनीतिक, सांस्कृतिक और समाजिक स्थितियों का अध्ययन किया। यह अनुभव उनके दृष्टिकोण और विचारधारा को समृद्ध बनाने में मददगार साबित हुआ।

स्वतंत्रता संग्राम में योगदान
पंडित नेहरू का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में बहुत बड़ा योगदान था। 1916 में उन्होंने महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस जॉइन की और स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया। उनका योगदान मुख्य रूप से असहमति आंदोलन, नमक सत्याग्रह, और नवजीवन आंदोलन में था। इसके अलावा, उन्होंने वर्धा समाज सुधार समिति, गांधी-नेहरू संबंध, और समाजवादी आंदोलन जैसे आंदोलनों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

नेहरू जी ने गांधीजी के नेतृत्व में भारतीय जनता को अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक सशक्त दिशा दी। उनके विचार और आदर्शों ने उन्हें भारतीय राजनीति में एक अग्रणी नेता बना दिया। 1947 में भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई और पंडित नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री बने।

भारत के पहले प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल
पंडित नेहरू के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। उनका मंत्र था "संसार में कहीं भी स्वतंत्रता की लड़ाई के बारे में जो भी विचार होते हैं, वे सभी हमारे संघर्ष से जुड़े हुए हैं"। उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत में कई सामाजिक और आर्थ‍िक सुधार किए गए। उनकी नीतियों में औद्योगिकीकरण, शिक्षा के क्षेत्र में सुधार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी का संवर्धन, सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता को प्रमुख स्थान दिया गया।

औद्योगिकीकरण और योजनाबद्ध विकास: नेहरू जी ने देश के समग्र विकास के लिए औद्योगिकीकरण पर जोर दिया। उन्होंने विभिन्न बड़े उद्योगों की स्थापना की और कृषि, परिवहन, संचार, और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं का विकास किया।

शिक्षा का सुधार: पंडित नेहरू को शिक्षा से गहरी रुचि थी। उन्होंने स्कूलों और विश्वविद्यालयों की स्थापना की और उच्च शिक्षा के लिए कई संस्थान जैसे आईआईटी, आईआईएम की नींव रखी। उनका मानना था कि शिक्षा के बिना राष्ट्र का विकास संभव नहीं है।

समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता: पंडित नेहरू का विश्वास था कि भारत में समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता का सिद्धांत लागू होना चाहिए। उन्होंने इस विचार को भारत के संविधान में शामिल किया।

आंतरराष्ट्रीय कूटनीति: नेहरू जी ने भारतीय विदेश नीति की नींव रखी, जिसमें निष्कलंक कूटनीति (Non-alignment Movement) का समावेश था। उनका उद्देश्य था कि भारत अपनी स्वतंत्रता और संप्रभुता को बनाए रखते हुए किसी एक शक्ति समूह का हिस्सा न बने।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-14.11.2024-गुरुवार.
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