श्री गोरक्षनाथ प्रकट दिन:-1

Started by Atul Kaviraje, November 14, 2024, 05:19:13 PM

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Atul Kaviraje

श्री गोरक्षनाथ प्रकट दिन: जानकारी-

श्री गोरक्षनाथ भारतीय तत्त्वज्ञान, योग और ध्यान परंपरा के महान गुरु और नाथ पंथ के संस्थापक थे। उनका जीवन, उनके विचार और उनकी शिक्षाएं आज भी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। श्री गोरक्षनाथ प्रकट दिन वह विशेष दिन है जब गोरक्षनाथ जी का जन्म हुआ था। यह दिन नाथ पंथ के अनुयायियों और भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दिन गोरक्षनाथ जी के अद्वितीय कार्यों और उनके द्वारा दी गई महान शिक्षाओं को याद करने और उनके मार्ग पर चलने का दिन होता है।

श्री गोरक्षनाथ का जीवन परिचय
श्री गोरक्षनाथ का जन्म लगभग 8वीं सदी में हुआ था। उनके जीवन के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन उनके योगदान और उनकी तत्त्वज्ञान की गहराई को लेकर बहुत सारी कथाएं और कथन प्रचलित हैं। वे एक योगी, साधक और तत्त्वज्ञानी थे, जिन्होंने योग और साधना के माध्यम से आत्मज्ञान की प्राप्ति की। उनका जीवन और कार्य मुख्य रूप से नाथ पंथ के सिद्धांतों और ध्यान साधना पर आधारित था।

गोरक्षनाथ जी का नाम 'गोरक्ष' से लिया गया है, जिसका अर्थ है 'गोपाला' (गाय की रक्षा करने वाला) और 'रक्षक' (रक्षक)। वे अपने जीवन में गोवर्धन पर्वत की तरह समाज के सभी प्राणियों की रक्षा करते हुए समाज में योग की परंपरा और तत्त्वज्ञान का प्रचार करते थे। उनका एक और महत्वपूर्ण नाम 'गोरक्षनाथ' इस बात की पुष्टि करता है कि उनका उद्देश्य केवल आत्मसाक्षात्कार नहीं था, बल्कि समाज की सेवा और उसमें जागरूकता फैलाना था।

गोरक्षनाथ जी की सबसे बड़ी विशेषता थी उनकी कठोर साधना, ध्यान और योग के प्रति समर्पण। उन्होंने जीवन को एक तपस्वी रूप में जिया और समाज को आत्मज्ञान, एकता और धर्म के पथ पर चलने के लिए प्रेरित किया।

गोरक्षनाथ पंथ का गठन
गोरक्षनाथ ने नाथ पंथ की स्थापना की, जो एक योग और तत्त्वज्ञान पर आधारित पंथ है। इस पंथ में ध्यान, योग, साधना और आत्मज्ञान को मुख्य रूप से महत्व दिया गया है। गोरक्षनाथ के विचारों और सिद्धांतों को उनके शिष्यों ने दुनिया भर में फैलाया, जिससे आज नाथ पंथ के लाखों अनुयायी हैं।

नाथ पंथ का मुख्य उद्देश्य आत्मज्ञान प्राप्त करना और शरीर, मन और आत्मा के बीच संतुलन स्थापित करना है। गोरक्षनाथ ने यह बताया कि आत्मा और परमात्मा के बीच का अंतर केवल भ्रम है, और इस भ्रम को दूर करने के लिए योग और साधना आवश्यक है।

गोरक्षनाथ प्रकट दिन की महत्ता
गोरक्षनाथ प्रकट दिन वह दिन है, जब गोरक्षनाथ जी का जन्म हुआ था। यह दिन उनके अनुयायियों के लिए एक विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य गोरक्षनाथ जी के अद्वितीय योगदान और उनकी शिक्षाओं को सम्मानित करना है। उनके द्वारा बताए गए मार्ग पर चलकर हम आत्मज्ञान, शांति और समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं।

गोरक्षनाथ प्रकट दिन पर विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस दिन, विशेष रूप से नाथ पंथ के अनुयायी पूजा, साधना, ध्यान और कीर्तन करते हैं। यह दिन गोरक्षनाथ जी की जीवनशैली, उनके विचार और उनके कार्यों की पुनः याद दिलाने का अवसर है।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-14.11.2024-गुरुवार.
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