गुरु नानक जयंती: महत्व, इतिहास और पूजा विधि-1

Started by Atul Kaviraje, November 15, 2024, 07:10:12 PM

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Atul Kaviraje

गुरु नानक जयंती: महत्व, इतिहास और पूजा विधि-

गुरु नानक जयंती, जिसे सिख धर्म में गुरुपर्व के रूप में मनाया जाता है, गुरु नानक देव जी की जयंती का पर्व है। गुरु नानक देव जी सिख धर्म के संस्थापक थे और उनके द्वारा दिए गए उपदेशों ने न केवल सिख धर्म की नींव रखी, बल्कि सम्पूर्ण मानवता के लिए एकता, भाईचारे और समानता का संदेश दिया। यह पर्व कार्तिक मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो आमतौर पर नवंबर महीने में पड़ता है। इस दिन को श्रद्धा, भक्ति और प्रेम के साथ मनाया जाता है और गुरु नानक देव जी के जीवन से जुड़े कार्यों और उपदेशों का सम्मान किया जाता है।

गुरु नानक देव जी का जीवनप्रवास (Life Journey of Guru Nanak)
1. जन्म और बालपण
गुरु नानक देव जी का जन्म 15 अप्रैल 1469 को तलवंडी (जो आजकल पाकिस्तान में स्थित नानकाना साहिब के नाम से जाना जाता है) हुआ था। उनके पिता का नाम कुलचंद था और माता का नाम त्रिप्ता था। बचपन से ही गुरु नानक में विशेष प्रकार का आंतरिक ज्ञान और भक्ति का भाव था। कहा जाता है कि एक दिन, जब वे पांच साल के थे, वे घर से बाहर खेलने के लिए गए, तो अचानक गायब हो गए। तीन दिन बाद वे नदी के किनारे पाए गए, और उस दौरान उन्होंने गहरे आध्यात्मिक अनुभव को महसूस किया था।

2. गुरु नानक की शिक्षाएं
गुरु नानक देव जी की शिक्षा में मुख्य रूप से समानता, प्रेम, भक्ति, सत्य और धर्म पर बल दिया गया। उन्होंने समाज में व्याप्त जातिवाद, भेदभाव, और मूर्तिपूजा का विरोध किया। उनके द्वारा दिए गए प्रमुख उपदेश थे:

"एक ओंकार" – ईश्वर एक है।
सतनाम – ईश्वर का नाम सत्य है।
नाम जपो, किरत करो, वंड छको – भगवान का नाम लो, मेहनत से कमाई करो और दूसरों के साथ दया और प्रेम से अपने संसाधन बांटो।
गुरु नानक ने बताया कि हर व्यक्ति को प्रेम, शांति और समानता के सिद्धांतों पर चलना चाहिए, ताकि समाज में भ्रांतियां दूर हो सकें।

3. सिख धर्म की स्थापना
गुरु नानक देव जी ने सिख धर्म की नींव रखी, जिसमें गुरु ग्रंथ साहिब को सर्वोच्च मान्यता दी। उन्होंने गुरु के निर्देशों और गुरु की सेवा को प्रमुख माना। गुरु नानक ने सिखों के लिए एक स्वतंत्र धार्मिक और सामाजिक आदर्श प्रस्तुत किया, जो एकता, समानता और आत्मा की पवित्रता पर आधारित था। वे मूर्तिपूजा और अंधविश्वास के खिलाफ थे और उनके अनुसार ईश्वर केवल एक है।

4. गुरु नानक का समाज पर प्रभाव
गुरु नानक देव जी का समाज पर गहरा प्रभाव पड़ा। उन्होंने सिखों को अपने जीवन में समानता का पालन करने की शिक्षा दी। उनकी शिक्षा में धर्म के बजाय भक्ति को महत्व दिया गया। उन्होंने यह भी बताया कि सच्चाई, कर्म और प्रेम के बिना कोई भी व्यक्ति धर्म के रास्ते पर नहीं चल सकता।

गुरु नानक जयंती का महत्व (Significance of Guru Nanak Jayanti)
गुरु नानक जयंती का महत्व सिख धर्म के अनुयायियों के लिए बहुत अधिक है। इस दिन को गुरु पर्व के रूप में मनाया जाता है। यह दिन न केवल सिख धर्म के अनुयायियों के लिए, बल्कि समस्त मानवता के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। गुरु नानक ने जो उपदेश दिए, वे आज भी समाज में समानता, शांति और भाईचारे की भावना को बनाए रखने में मदद करते हैं। इस दिन, लोग उनके जीवन के सिद्धांतों और उपदेशों का अनुसरण करने का संकल्प लेते हैं।

गुरु नानक जयंती की पूजा विधि (Rituals of Guru Nanak Jayanti)
गुरु नानक जयंती पर विशेष पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं। इस दिन के मुख्य समारोहों में शामिल हैं:

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-15.11.2024-शुक्रवार.
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