गुरु नानक जयंती: महत्व, इतिहास और पूजा विधि-2

Started by Atul Kaviraje, November 15, 2024, 07:10:56 PM

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Atul Kaviraje

गुरु नानक जयंती: महत्व, इतिहास और पूजा विधि-

1. गुरुद्वारों में कीर्तन और प्रार्थना
गुरु नानक जयंती के दिन, सिख समुदाय के लोग अपने-अपने गुरुद्वारों में जाते हैं। यहां कीर्तन (संगीत में प्रार्थना) और पाठ (गुरु ग्रंथ साहिब के शबद) किया जाता है। विशेष रूप से अर्थी साहिब (गुरु ग्रंथ साहिब का वाचन) होता है। यह पूजा भगवान से आशीर्वाद प्राप्त करने का एक तरीका होता है।

2. लंगर (सामूहिक भोजन)
गुरु नानक देव जी के समय से ही लंगर की परंपरा शुरू हुई थी। इस दिन भी लंगर का आयोजन किया जाता है, जहां सभी लोग बिना किसी भेदभाव के एक साथ भोजन करते हैं। लंगर के द्वारा गुरु नानक देव जी का यह संदेश दिया जाता है कि समाज में हर किसी को समान अधिकार है, और सभी को भोजन की आवश्यकता होती है।

3. गुरुद्वारा सजावट
गुरुद्वारों में इस दिन विशेष सजावट की जाती है। मंदिर को फूलों और दीपों से सजाया जाता है। दीप जलाने का विशेष महत्व होता है क्योंकि दीपों के माध्यम से अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का संदेश दिया जाता है।

4. शबद कीर्तन और भजन
गुरु नानक जयंती के दिन शबद कीर्तन का आयोजन किया जाता है, जिसमें गुरु नानक देव जी के जीवन और उनके द्वारा कहे गए भजनों का गायन किया जाता है। यह एक प्रकार से आध्यात्मिक जागरूकता का उत्सव है।

5. भिक्षाटन और दान
गुरु नानक जयंती पर कुछ लोग दान करने का कार्य करते हैं। इसे सैवा और दान का कार्य माना जाता है, जो समाज में प्रेम और समानता का संदेश फैलाने का एक तरीका है।

गुरु नानक जयंती का सांस्कृतिक महत्त्व (Cultural Importance of Guru Nanak Jayanti)
गुरु नानक जयंती न केवल सिख धर्म का धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक और सामाजिक संदेश भी है। गुरु नानक देव जी ने अपनी शिक्षाओं के माध्यम से मानवता को सर्वोच्च स्थान दिया। वे यह मानते थे कि ईश्वर की उपासना का मार्ग केवल भक्ति और सेवा है, न कि किसी धार्मिक आडंबर या परंपरा से। उन्होंने समानता, धर्म और मानवता के संदेश को फैलाने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित किया।

सिख धर्म में जातिवाद और धर्म का भेदभाव खत्म करने के लिए गुरु नानक देव जी ने सबको समान समझने का संदेश दिया। उन्होंने यही बताया कि भगवान हर व्यक्ति के दिल में बसा हुआ है, चाहे वह किसी भी जाति या धर्म से हो।

निष्कर्ष (Conclusion)
गुरु नानक जयंती एक ऐसा पर्व है जो समाज में समानता, प्रेम, धर्मनिष्ठा और भाईचारे का संदेश देता है। यह दिन न केवल सिखों के लिए, बल्कि समस्त मानवता के लिए है, क्योंकि गुरु नानक देव जी के उपदेश आज भी हमारे जीवन को शांति, प्रेम और सद्भावना से भरने का काम करते हैं। इस दिन, हम सभी को अपने जीवन में उनके संदेशों को अपनाने और अपने समाज में अच्छे कर्म करने का संकल्प लेना चाहिए।

जय गुरु नानक देव जी!

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-15.11.2024-शुक्रवार.
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