संकष्टी चतुर्थी - श्री गणेशाय नमः-भक्ति कविता

Started by Atul Kaviraje, November 18, 2024, 09:10:34 PM

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Atul Kaviraje

संकष्टी चतुर्थी - श्री गणेशाय नमः-भक्ति कविता

🌸 श्री गणेशाय नमः 🌸

संकष्टी चतुर्थी आई,
गणेश का व्रत साथ लाई ।
दुःखों से मुक्ति का वादा,
गणपति बप्पा के पास लाई । 🙏

गणेश का महिमा-
गणपति बप्पा, तुम हो सबसे प्यारे,
संकटों के नाशक, दुःख दूर करने वाले।
हमारी प्रार्थना को स्वीकार करो,
हमारे जीवन में सुखों के रंग भर दो। 🌼

व्रत की विधि-
संकष्टी चतुर्थी पर हम व्रत करते हैं,
गणेश की पूजा, ध्यान से करते हैं।
उपवासी रहते हैं, पूजा करते हैं,
तुम्हारी महिमा से हम संजीवित होते हैं। 🌟

गणपति बप्पा मोरया-
"गणपति बप्पा मोरया" के मंत्र से,
दिल में विश्वास का दीप जलता है।
संकट दूर हो जाते हैं,
तुम्हारी कृपा से सब कुछ हल हो जाता है। ✨

संकटों का नाश-
संकष्टी चतुर्थी पर तेरा ध्यान करते हैं,
गणपति बप्पा! तुझे हर दिल से पुकारते हैं।
कष्टों के बादल अब दूर होंगे,
तेरी आशीर्वाद से जीवन में सुख भरेंगे। 🌺

श्री गणेशाय नमः-
तेरी पूजा से जीवन को चैन मिलता है,
गणपति बप्पा का आशीर्वाद सबको मिला है।
तू है सुख-शांति का प्रतीक,
तुमसे ही हमारी राहें खुलती हैं। 💖

संकष्टी चतुर्थी के दिन, श्री गणेश की पूजा करो,
मन से उन्हें याद करो और जीवन में सुख पाओ।
"गणपति बप्पा मोरया", यह मंत्र हर जगह गूंजे,
तेरी कृपा से जीवन सजे, दुख दूर हों और खुशियां आएं। 🌸🙏

निष्कर्ष:-

यह हिंदी भक्ति कविता संकष्टी चतुर्थी के पवित्र दिन भगवान श्री गणेश की पूजा और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के महत्व को व्यक्त करती है। गणेश जी की महिमा से जीवन के सभी संकटों का नाश होता है और शांति व समृद्धि आती है।

--अतुल परब
--दिनांक-18.11.2024-सोमवार.
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