श्री राम का जन्म और उनके बचपन का जीवन-

Started by Atul Kaviraje, November 20, 2024, 05:08:29 PM

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Atul Kaviraje

श्री राम का जन्म और उनके बचपन का जीवन-

परिचय:

भगवान श्री राम का जन्म त्रेतायुग में हुआ था और उनका जीवन आज भी सभी मानवों के लिए आदर्श माना जाता है। श्री राम का जीवन सत्य, धर्म, कर्तव्य, और त्याग का प्रतीक है। वे मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में प्रसिद्ध हैं, जिन्होंने हमेशा अपने कर्तव्यों का पालन किया और अन्याय के खिलाफ संघर्ष किया। भगवान राम का जन्म और उनका बचपन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि जीवन में नैतिकता, सत्य और न्याय के सिद्धांतों को समझने के लिए भी महत्वपूर्ण है। उनके जीवन से हमें कई अमूल्य सीख मिलती हैं जो आज भी हमारे लिए प्रासंगिक हैं।

श्री राम का जन्म
जन्म की कथा:

भगवान श्री राम का जन्म अयोध्या नगरी में हुआ था। वे राजा दशरथ और रानी कोसल्या के पुत्र थे। राजा दशरथ के पास तीन रानियाँ थीं – कोसल्या, कैकेयी, और सुमित्रा। राजा दशरथ एक महान और धर्मपरायण शासक थे, लेकिन उन्हें संतान की प्राप्ति नहीं हो रही थी। इसी कारण वे बहुत दुखी रहते थे।

एक दिन राजा दशरथ ने ऋषि वशिष्ठ की सलाह पर पुंडलीक यज्ञ किया। इस यज्ञ का फल यह हुआ कि भगवान श्री राम का जन्म हुआ। राम के जन्म से पहले ऋषि वशिष्ठ और ऋषि नारद ने राजा दशरथ को यह आशीर्वाद दिया था कि भगवान राम उनके घर में जन्म लेंगे और वह अधर्म का नाश करेंगे।

राम का जन्म एक दिव्य घटना थी:
भगवान राम का जन्म चैत्र माह के शुद्ध नवमी तिथि को हुआ। यह दिन विशेष रूप से शुभ और पवित्र माना जाता है, और इसी दिन राम नवमी का त्योहार मनाया जाता है। भगवान राम का जन्म होते ही अयोध्या में खुशियाँ छा गईं और सम्पूर्ण नगरी में आनंद का वातावरण था।

श्री राम का बचपन
राम का पालन-पोषण:

भगवान श्री राम का पालन-पोषण अत्यंत धर्मनिष्ठ और संस्कारी वातावरण में हुआ। राजा दशरथ और रानी कोसल्या ने राम को अपने पुत्र के रूप में बहुत स्नेह और प्रेम दिया। उनके बाल्यकाल में उनका पालन-पोषण बहुत अच्छे तरीके से हुआ, और वे छोटे से ही कर्तव्यनिष्ठ और चरित्रवान बन गए थे। वे अत्यधिक बुद्धिमान और शक्तिशाली थे, साथ ही उनका हृदय भी अत्यंत कोमल था।

राम का बचपन बहुत साधारण और मितव्ययी था। वे जीवन में कभी भी घमंड नहीं करते थे और हमेशा विनम्र रहते थे। वे अपने कर्तव्यों को निभाने में कभी भी पीछे नहीं हटते थे और सत्य बोलने में हमेशा अग्रणी रहते थे। उनका बचपन अत्यंत शांतिपूर्ण और आदर्श था।

राम के साथ उनके भाई:

राम के बचपन में उनके चार भाई थे – लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, और उत्तरा। राम के साथ उनका गहरा प्रेम था और वे हमेशा अपने भाईयों के साथ रहते थे। विशेषकर लक्ष्मण उनके सबसे करीबी थे। लक्ष्मण ने हमेशा राम का साथ दिया, चाहे वह किसी भी परिस्थिति में हो।

राम के साथ उनके भाईयों का भी बचपन बहुत आदर्शपूर्ण था। वे भी राम की तरह सत्य बोलने वाले और धर्म के मार्ग पर चलने वाले थे। इन चारों भाइयों का संबंध प्रेम और सच्चाई से भरा हुआ था।

राम का शिक्षा-जीवन
राम का शिक्षा प्राप्ति:

राम का बचपन केवल शारीरिक विकास तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने मानसिक और नैतिक शिक्षा भी प्राप्त की। उनके गुरु ऋषि वशिष्ठ थे, जिन्होंने उन्हें वेद, शास्त्र, धर्म और युद्धकला की शिक्षा दी। राम ने शास्त्रों का गहन अध्ययन किया और युद्धकला में भी दक्षता प्राप्त की।

राम की वीरता का उदाहरण:

राम का बचपन कई वीरता के उदाहरणों से भरा हुआ था। राम ने बचपन में ही राक्षसों और असुरों से लड़ने की शिक्षा ली थी। उनका पहला शौर्य प्रदर्शन ताडका नामक राक्षसी का वध था। ताडका ने अयोध्या के आसपास के क्षेत्र में आतंक मचाया हुआ था, और राम ने उसे पराजित किया। यह राम के शौर्य और साहस का पहला उदाहरण था।

राम का धनुष तोड़ना:

राम के बचपन का एक और प्रमुख प्रसंग था, जब उन्होंने शिव धनुष को तोड़ा। राजा जनक ने अपनी बेटी सीता का स्वयंवर आयोजित किया था, जिसमें वह वही व्यक्ति को सीता से विवाह का वरदान देंगी, जो शिव धनुष को तोड़ेगा। कई महान योद्धा इस धनुष को उठाने में असफल हुए, लेकिन राम ने इसे न केवल उठाया, बल्कि उसे तोड़ दिया। इस घटना से राम की शक्ति और वीरता का परिचय मिला, और वे सीता के साथ विवाह के पात्र बने।

निष्कर्ष
भगवान श्री राम का जन्म और उनका बचपन हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनका जीवन सत्य, धर्म, कर्तव्य और न्याय का आदर्श प्रस्तुत करता है। श्री राम का बचपन एक आदर्श था, जिसमें उन्होंने न केवल शारीरिक बल बल्कि मानसिक और नैतिक बल का भी विकास किया। उनके बचपन के हर प्रसंग में हमें कर्तव्य, सत्य, प्रेम और साहस की शिक्षा मिलती है। भगवान राम का जीवन हमें सिखाता है कि हमें हमेशा सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए, कर्तव्यों का पालन करना चाहिए और हर कठिनाई का सामना साहस से करना चाहिए।

"राम का जीवन, जीवन के सभी पहलुओं में आदर्श है। उनके कर्तव्यों और उनके कार्यों में सत्य और धर्म का पालन सबसे महत्वपूर्ण रहा है।" 🙏

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-20.11.2024-बुधवार.
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