भारतीय संस्कृति और उसका महत्व-1

Started by Atul Kaviraje, November 28, 2024, 08:46:32 PM

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Atul Kaviraje

भारतीय संस्कृति और उसका महत्व-
(Indian Culture and Its Importance)

भारत, जिसे 'संस्कृति की भूमि' कहा जाता है, एक ऐसा देश है जहां की संस्कृति अत्यंत प्राचीन, समृद्ध और विविधताओं से परिपूर्ण है। भारतीय संस्कृति केवल एक जीवनशैली नहीं, बल्कि यह एक विचारधारा, दर्शन, धर्म और परंपराओं का संगम है, जो सैकड़ों वर्षों से हमारे जीवन के हर पहलू को प्रभावित करती आ रही है। भारतीय संस्कृति का महत्व न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में महसूस किया गया है। यह न केवल हमारे समाज के विकास का आधार है, बल्कि यह हमें जीवन जीने की दिशा भी प्रदान करती है। भारतीय संस्कृति के महत्व को समझने के लिए हमें इसके विभिन्न पहलुओं पर गहराई से विचार करना होगा।

1. धार्मिक विविधता और उसकी एकता
भारत एक धार्मिक विविधता से परिपूर्ण देश है। यहां विभिन्न धर्मों का पालन किया जाता है, जैसे हिंदू धर्म, इस्लाम, ईसाई धर्म, सिख धर्म, बौद्ध धर्म और जैन धर्म। भारतीय संस्कृति में इन विभिन्न धर्मों की सह-अस्तित्व की परंपरा रही है। यहां प्रत्येक धर्म के अनुयायी एक दूसरे के धर्म, आस्थाओं और विश्वासों का सम्मान करते हैं। भारतीय संस्कृति ने यह सिखाया है कि विभिन्नता में एकता है। उदाहरण के रूप में, भारत में विभिन्न त्योहारों का आयोजन, जैसे होली, दिवाली, ईद, क्रिसमस आदि, यह दर्शाता है कि हमारे समाज में सभी धर्मों के अनुयायी एक साथ मिलकर खुशी और सौहार्द्र से त्योहार मनाते हैं।

2. भारतीय तत्त्वज्ञान और धार्मिक दृष्टिकोण
भारतीय संस्कृति में तत्त्वज्ञान का महत्वपूर्ण स्थान है। भारतीय तत्त्वज्ञान में जीवन के उद्देश्य, कर्म, योग, ध्यान, धर्म और सत्य के बारे में गहरे विचार किए गए हैं। भगवद गीता, वेद, उपनिषद और पुराणों में जीवन के मूलभूत प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं। विशेष रूप से, महात्मा गांधी का अहिंसा और सत्य के प्रति आदर्श, जो भारतीय संस्कृति का हिस्सा है, न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में प्रेरणा का स्रोत बन गया। गीता का संदेश 'कर्म करो, फल की चिंता मत करो' आज भी लाखों लोगों के जीवन में मार्गदर्शन प्रदान करता है।

3. कला, संगीत और नृत्य की महत्ता
भारतीय संस्कृति कला, संगीत, और नृत्य के क्षेत्र में अत्यंत समृद्ध है। भारत की शास्त्रीय संगीत की धारा, जिसमें हिंदुस्तानी और कर्नाटकी संगीत शैलियां शामिल हैं, विश्वभर में प्रसिद्ध हैं। इसके अलावा भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैलियों में भरतनाट्यम, कथक, कुचिपुडी, ओडिसी आदि का अत्यधिक महत्व है। भारतीय चित्रकला और शिल्पकला, जैसे तंजौर पेंटिंग, माधुबनी कला, अजंता-एलेरा की चित्रकला और वास्तुकला ने भारतीय संस्कृति को विश्वभर में पहचान दिलाई है। भारतीय कला और सांस्कृतिक धरोहर ने न केवल भारत की पहचान बनाई है, बल्कि यह भारतीय समाज के सौंदर्यबोध और रचनात्मकता का प्रतीक भी है।

4. संस्कार और पारंपरिक मूल्य
भारतीय संस्कृति में संस्कारों और पारंपरिक मूल्यों को बहुत अधिक महत्व दिया गया है। भारतीय परिवारों में बच्चों को शुरुआत से ही अच्छे संस्कार और सामाजिक जिम्मेदारियों का बोध कराया जाता है। यह संस्कार न केवल व्यक्तिगत जीवन को व्यवस्थित करते हैं, बल्कि समाज में एकता और सामूहिक सहयोग की भावना भी उत्पन्न करते हैं। उदाहरण के रूप में, भारतीय समाज में बड़े-बुजुर्गों का सम्मान, अतिथि देवो भवः (अतिथि भगवान के समान होते हैं) जैसे सिद्धांत, और किसी भी दुख या संकट में एक दूसरे की मदद करना भारतीय संस्कृति की प्रमुख विशेषताएं हैं।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-28.11.2024-गुरुवार.
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