देवी लक्ष्मी पूजा विधि और उसके लाभ-1

Started by Atul Kaviraje, November 29, 2024, 09:09:25 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

देवी लक्ष्मी पूजा विधि और उसके लाभ-
(The Worship Rituals of Goddess Lakshmi and Their Benefits)

देवी लक्ष्मी को धन, समृद्धि, ऐश्वर्य, सुख और सुख-शांति की देवी माना जाता है। देवी लक्ष्मी की पूजा से न केवल भौतिक सुख-संपत्ति मिलती है, बल्कि मानसिक शांति और आत्मिक संतुलन भी प्राप्त होता है। हिन्दू धर्म में देवी लक्ष्मी का पूजन विशेष रूप से दीपावली के अवसर पर बड़ी श्रद्धा और विधिपूर्वक किया जाता है, लेकिन यह पूजा किसी भी समय की जा सकती है। इस लेख में हम देवी लक्ष्मी की पूजा विधि और उसके लाभों के बारे में विस्तार से जानेंगे।

देवी लक्ष्मी पूजा विधि
देवी लक्ष्मी की पूजा एक विशेष प्रक्रिया और श्रद्धा से की जाती है। पूजा विधि के पालन से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में समृद्धि और शांति का वास होता है। देवी लक्ष्मी की पूजा में निम्नलिखित विधियों का पालन किया जाता है:

१. पूजा की तैयारी
घर की सफाई: पूजा से पहले घर की सफाई बहुत आवश्यक है। घर का वातावरण स्वच्छ और शुद्ध होना चाहिए। विशेष रूप से पूजा स्थल को साफ किया जाता है, ताकि देवी लक्ष्मी का वास वहाँ हो।
नई सामग्री का प्रयोग: पूजा के लिए नया आसन, दीपक, फूल, और नैवेद्य का प्रयोग किया जाता है। देवी लक्ष्मी के पूजन के दौरान पुराने और उपयोग में लाए गए सामान का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
२. पूजा सामग्री
देवी लक्ष्मी की पूजा में विशेष पूजा सामग्री का उपयोग किया जाता है:

दीपक: पूजा में तेल के दीपक या घी के दीपक का प्रयोग करें।
फूल: देवी को ताजे फूल अर्पित करें। जैसे गुलाब, कमल, चमेली आदि।
फल और मिठाई: देवी लक्ष्मी को विविध प्रकार के फल और मिठाई अर्पित की जाती है।
चावल और द्रव्य: देवी को चावल, शक्कर, तिल, और सुपारी अर्पित की जाती है।
गंध, चंदन और अगरबत्तियाँ: पूजा स्थल को शुद्ध और सुगंधित करने के लिए गंध, चंदन और अगरबत्तियाँ उपयोग में लाते हैं।
३. पूजा विधि
देवी लक्ष्मी का आवाहन: सबसे पहले देवी लक्ष्मी का आवाहन करें। "ॐ श्री महालक्ष्मै नमः" मंत्र का जाप करते हुए देवी लक्ष्मी का ध्यान करें और उन्हें पूजन के लिए आमंत्रित करें।
दीप जलाना: पूजा स्थल पर दीपक जलाएं और देवी लक्ष्मी के आसन के पास रखें।
पानी से आचमन: पूजा से पहले आचमन करके पवित्रता प्राप्त करें।
फूल अर्पण: देवी के चरणों में ताजे फूल अर्पित करें।
नैवेद्य अर्पण: देवी को मीठा पकवान, फल, और जल अर्पित करें।
चंदन का तिलक: देवी के चित्र या मूर्ति पर चंदन से तिलक करें।
मंत्र जाप: "ॐ श्री लक्ष्मी नमः" और "ॐ महालक्ष्मै नमः" मंत्र का उच्चारण करें। इन मंत्रों का १०८ बार जाप करें।
आरती: पूजा के बाद देवी की आरती गाएं। "जय लक्ष्मी माता" या "सर्व शक्तिमयी देवी लक्ष्मी" जैसी आरतियाँ गाकर पूजन को समाप्त करें।
४. पूजा का समापन
पूजा के बाद समापन करें और देवी लक्ष्मी से आशीर्वाद प्राप्त करें। पूजा के बाद प्रसाद को परिवार के सभी सदस्यों को वितरित करें और सभी को खुशियों और समृद्धि की कामना करें।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-29.11.2024-शुक्रवार.
===========================================