संतोषी माता: संतोष और सुखी जीवन की देवी-1

Started by Atul Kaviraje, November 29, 2024, 09:26:56 PM

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Atul Kaviraje

संतोषी माता: संतोष और सुखी जीवन की देवी-
(Santoshi Mata: The Goddess of Satisfaction and a Happy Life)

हिंदू धर्म में देवी संतोषी माता का विशेष स्थान है। वे संतोष, खुशी और मानसिक शांति की देवी मानी जाती हैं। संतोषी माता को जीवन के हर पहलु में संतुलन बनाए रखने वाली और आंतरिक शांति प्रदान करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। संतोष और समृद्धि की देवी के रूप में प्रसिद्ध, संतोषी माता अपने भक्तों को जीवन में संतुष्टि और सुख देने के लिए प्रसिद्ध हैं।

इस लेख में हम संतोषी माता की पूजा विधि, उनके महत्त्व, और उनके आशीर्वाद से प्राप्त होने वाले लाभों के बारे में विस्तार से जानेंगे।

संतोषी माता का परिचय
संतोषी माता, जिन्हें संतुष्टि की देवी के रूप में पूजा जाता है, का अस्तित्व भगवान गणेश और देवी पार्वती के साथ जुड़ा हुआ है। कुछ मान्यताओं के अनुसार, संतोषी माता देवी पार्वती और भगवान गणेश की पुत्री हैं। वे परम संतोष और सुख का प्रतीक मानी जाती हैं।

कई भक्तों का मानना ��है कि संतोषी माता के आशीर्वाद से जीवन में शांति और संतुष्टि मिलती है, और हर प्रकार के दुख-दर्द से मुक्ति प्राप्त होती है। "संतोष" का मतलब है तृप्ति, समृद्धि और संतुष्ट मन, जो जीवन के हर पहलु को सकारात्मक दिशा देता है। देवी संतोषी की पूजा से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि जीवन में खुशहाली भी आती है।

संतोषी माता की पूजा विधि
संतोषी माता की पूजा विशेष रूप से शुक्रवार के दिन की जाती है। भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और देवी की पूजा करते हैं। पूजा की विधि सरल लेकिन प्रभावी है, जिसमें विशेष ध्यान मन की शुद्धता और श्रद्धा पर होता है।

व्रत का पालन:
संतोषी माता की पूजा करने के लिए भक्त शुक्रवार के दिन उपवासी रहते हैं। इस दिन वह विशेष रूप से व्रत रखते हैं और अपने घर में पूजा करते हैं। उपवास का मुख्य उद्देश्य संयम रखना और देवी की कृपा प्राप्त करना होता है।

पूजा सामग्री:
पूजा के लिए देवी संतोषी के सामने कुछ महत्वपूर्ण सामग्री अर्पित की जाती है:

ताजे फल (आम तौर पर केला, सेब, या नारियल)
मिठाई (शक्कर और गुड़ से बनी मिठाई)
ताजे फूल (अर्पित करने के लिए)
दीपक और अगरबत्ती (दीप जलाने के लिए)
शुद्ध जल
मंत्र और आरती:
पूजा में विशेष रूप से मंत्रोच्चारण और आरती का महत्व होता है। एक प्रमुख मंत्र है:

"ॐ संतोषी माता की जय"
इस मंत्र का उच्चारण करते हुए भक्त देवी संतोषी की कृपा प्राप्त करने की प्रार्थना करते हैं। पूजा के बाद देवी की आरती की जाती है, जिसमें भक्त माता की महिमा का गान करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करते हैं।
साधना और समर्पण:
पूजा में भक्त मन, वचन, और क्रिया से देवी संतोषी को समर्पित करते हैं और उनके आशीर्वाद से जीवन में संतुष्टि और सुख की कामना करते हैं। भक्तों का विश्वास होता है कि देवी संतोषी का आशीर्वाद प्राप्त करने से जीवन के कठिन समय में शांति और समृद्धि का अनुभव होता है।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-29.11.2024-शुक्रवार.
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