गणेश जी के १०८ नाम और उनके अर्थ-

Started by Atul Kaviraje, December 03, 2024, 04:41:54 PM

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Atul Kaviraje

गणेश जी के १०८ नाम और उनके अर्थ-

गणेश जी को विघ्नहर्ता, बुद्धि और समृद्धि के देवता के रूप में पूजा जाता है। हिंदू धर्म में गणेश जी की पूजा हर शुभ कार्य की शुरुआत में की जाती है। उनके १०८ नाम उनके असीमित गुणों और शक्तियों को दर्शाते हैं। नीचे गणेश जी के १०८ नाम और उनके अर्थ दिए गए हैं:

गणेश – गणों के ईश्वर।
विघ्नेश्वर – विघ्नों के नाशक।
गजानन – गजमुख वाले।
लंबोदर – लंबा पेट वाले।
वक्रतुंड – वक्र (टेढ़ा) तोंद वाले।
एकदंत – एक दांत वाले।
धूम्रवर्ण – धूम्र रंग वाले।
राजमुख – राजाओं के मुख वाले।
सिद्धिविनायक – सिद्धि देने वाले।
द्विमूर्ती – दो रूप वाले।
दक्षिनामूर्ति – दक्षिण का रूप।
सकलकार्यकर्ता – सभी कार्यों को करने वाले।
ध्यानेश्वर – ध्यान के देवता।
श्रीविघ्नराज – विघ्नों के राजा।
विजय – विजय प्राप्त करने वाले।
विघ्नराज – विघ्नों के राजा।
विनायक – सबका शुभकर्ता।
आनंदकंद – आनंद देने वाले।
धनपति – धन के स्वामी।
रुपधर – रूप को धारण करने वाले।
मूलधर – मूल का धारण करने वाले।
शंकरकुमार – भगवान शंकर के पुत्र।
सुरविघ्न – देवताओं के विघ्न को दूर करने वाले।
महाकाय – विशाल शरीर वाले।
वातपुत्र – वायु के पुत्र।
गणपतिजी – गणेश जी का सामान्य नाम।
शरीरधर – शरीर धारण करने वाले।
दयानिधी – दया करने वाले।
शांताकार – शांतिपूर्ण रूप में।
कलाधर – कला के धारण करने वाले।
तंत्रविद – तंत्र के ज्ञाता।
शब्दवीर – शब्दों के वीर।
त्रिदेवप्रिय – त्रिदेव के प्रिय।
विश्वरूप – पूरे विश्व का रूप।
बुद्धिविनायक – बुद्धि देने वाले।
विघ्नविनाशक – विघ्नों का नाश करने वाले।
सिद्धपेश्वर – सिद्धियों के भगवान।
मंगलमुर्ति – मंगलकारी रूप।
विजयी – हमेशा विजय प्राप्त करने वाले।
गुणात्मा – गुणों के आत्मा।
महाशक्तिमान – अत्यधिक शक्तिशाली।
द्रव्यधारक – द्रव्य धारण करने वाले।
विजयात्मा – विजय की आत्मा।
वेदाचार्य – वेदों के आचार्य।
व्रतधारी – व्रत पालन करने वाले।
भक्तवत्सल – भक्तों के प्रति प्रेम रखने वाले।
प्रभु – भगवान।
कृष्णावतार – भगवान कृष्ण के रूप में अवतार लेने वाले।
उद्धारक – उद्धार करने वाले।
नंदीश्वर – नंदी के स्वामी।
नम: शिवाय – शिव के नाम से।
विश्वरूप – पूरे विश्व का रूप।
वातावरणक – वातावरण के रक्षक।
धन्यक – धन्य होने वाले।
प्रदूषणमुक्त – प्रदूषण से मुक्त।
धर्मात्मा – धर्मात्मा होने वाले।
आदित्यपुत्र – सूर्य के पुत्र।
नायक – नायक या नेता।
शिवोक्त – शिव के वचन से।
कांतारक – कांतार का रक्षक।
वेदसंस्कारक – वेदों के संस्कारक।
नित्यानंद – नित्य आनंद में रहने वाले।
नवद्वार – नव द्वार के स्वामी।
विवेकशास्त्रज्ञ – विवेक के शास्त्रज्ञ।
धार्मिक – धर्म पालन करने वाले।
शरणागतवत्सल – शरणागतों के प्रति प्रेम रखने वाले।
कर्मयोगी – कर्म के योगी।
त्रिपुरारि – त्रिपुरासुर का संहारक।
गुरुपदप्राप्त – गुरु के पद को प्राप्त करने वाले।
सर्वज्ञ – सर्वज्ञानी।
विजयदुंदुभी – विजय की घोषणा करने वाले।
प्रारंभशंकर – शंकर के प्रारंभिक रूप।
सागरमंथन – सागर मंथन करने वाले।
नागरपति – नागों के स्वामी।
पारंगत – कुशल और ज्ञान में पारंगत।
साधक – साधना करने वाले।
नमो गणपतय – गणेश जी को नमस्कार।
राजमुकुट – राजमुकुट पहनने वाले।
विद्याधर – विद्याओं के स्वामी।
दृष्टिवर्धक – दृष्टि को बढ़ाने वाले।
स्मरणशक्तिवर्धक – स्मरण शक्ति को बढ़ाने वाले।
सभीकृत – समर्पित और एकत्र।
स्वस्तिकधारी – स्वस्तिक का धारक।
विपुलशक्ती – विपुल शक्ति के स्वामी।
धर्मपति – धर्म के स्वामी।
गणनायक – गणों के नायक।
वीर – वीरता के प्रतीक।
व्रती – व्रत पालन करने वाले।
संपूर्णकाय – सम्पूर्ण शरीर वाले।
कृष्णगणेश – कृष्ण के रूप में गणेश।
वेदकुमार – वेदों के पुत्र।
वर्धमान – विकास करने वाले।
आशुतोष – जल्दी प्रसन्न होने वाले।
सार्थक – सार्थक और उपयोगी।
मणिकेश – मणियों के स्वामी।
गणेशाय नम: – गणेश जी को प्रणाम।
विघ्नविनाशक – विघ्नों का विनाशक।
गणपति – गणों के स्वामी।
मूलाधार – आधार के रूप में कार्य करने वाले।
व्रतधारी – व्रत पालन करने वाले।
गणेशवर – गणों के प्रभु।
मूलाधार – मूल का आधार।
अर्जुनात्मा – अर्जुन के समान धैर्य वाले।
प्रलयंकारी – प्रलय के समय कार्य करने वाले।
पद्मासन – पद्मासन में बैठे हुए।
जगद्गुरु – विश्व के गुरु।
सुरसिद्धि – देवताओं द्वारा पूज्य।
वन्दनीय – वंदनीय और पूज्य।

निष्कर्ष:-

गणेश जी के १०८ नाम और उनके अर्थ में उनकी सभी दिव्य शक्तियों और गुणों का बखान किया गया है। इन नामों के उच्चारण से मानसिक शांति, समृद्धि, और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। गणेश जी के इन नामों का जाप व्यक्ति के जीवन से विघ्नों को दूर करता है और सकारात्मकता का संचार करता है।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-03.12.2024-मंगळवार.   
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