भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस - कविता-

Started by Atul Kaviraje, December 06, 2024, 09:10:41 PM

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Atul Kaviraje

भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस - कविता-

छोटे से गांव में जन्मा वह नायक,
दीन-दलितों का उद्धार करने वाला,
उठाई उसने वंचना के खिलाफ तलवार,
वो था डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर महान,
जिसकी शक्ति ने रच डाला संविधान।

जातिवाद की दीवारों को उसने तोड़ा,
धर्म, वर्ग, ऊंच-नीच को खत्म किया,
समानता, स्वतंत्रता का सूत्र दिया,
संघर्ष में हर पीड़ा को सहा,
लेकिन कभी न झुका, कभी न थका।

अच्छूतों के लिए जीवन में नई राह बनाई,
समानता की ख्वाहिश को उसने परिभाषित किया,
कभी भी अपने लक्ष्य से वह डिगा नहीं,
वह था डॉ. आंबेडकर, भारतीय समाज का नायक।

महापरिनिर्वाण दिन है यह, एक श्रद्धांजलि दिवस,
जहां हम संकल्प लें उनकी दिशा में चलने का,
नफरत, भेदभाव से परे हम सबको जोड़ें,
समाज में समानता, बंधुत्व, और न्याय का परचम लहराएं।

हमारा संविधान, उसकी मेहनत का फल है,
हमारे अधिकार, उसकी संघर्षों की गवाही है,
वो चुपचाप हमारे लिए मरते वक्त भी सोचता था,
उसकी जो झलक आज भी हमारे भीतर चमकता है।

ध्यान से देखो, यह महापरिनिर्वाण दिवस है,
बाबासाहेब के सपनों का दिन है,
उनके विचारों को आत्मसात करें,
समाज को उन्नति की ओर ले जाएं।

जय भीम ! जय भारत !

कविता का अर्थ:-

यह कविता भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के महान कार्यों और उनके संघर्ष को श्रद्धांजलि अर्पित करती है। इसमें उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं को उजागर किया गया है।

जातिवाद से संघर्ष: डॉ. आंबेडकर ने अपने जीवन में जातिवाद, ऊंच-नीच और समाज में व्याप्त भेदभाव से संघर्ष किया। उन्होंने दलितों और शोषित वर्ग के अधिकारों के लिए अपनी आवाज उठाई और समाज को समानता का संदेश दिया।

संविधान का निर्माण: कविता में यह भी बताया गया है कि डॉ. आंबेडकर ने भारतीय संविधान को रचकर समाज को समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व का मार्ग दिखाया। संविधान ने सभी नागरिकों को समान अधिकार दिए, जो डॉ. आंबेडकर की जीवनभर की मेहनत का परिणाम था।

महापरिनिर्वाण दिवस का महत्व: यह कविता डॉ. आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के महत्व को भी उजागर करती है, जिसे हम एक श्रद्धांजलि दिवस के रूप में मनाते हैं। यह दिन उनके कार्यों और विचारों को समझने और उनका अनुसरण करने का है।

समानता और न्याय: कविता के अंत में, यह संदेश दिया गया है कि हम सबको उनके विचारों को आत्मसात कर समाज में समानता, बंधुत्व और न्याय की भावना को फैलाना चाहिए।

इस प्रकार, कविता डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के जीवन, उनके संघर्ष और उनके द्वारा किए गए सुधारों की गहराई से समीक्षा करती है और समाज को उनके सिद्धांतों और कार्यों को अपनाने के लिए प्रेरित करती है।

--अतुल परब
--दिनांक-06.12.2024-शुक्रवार.
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