"कोमल लहरों के साथ धूप से जगमगाता समुद्र तट"

Started by Atul Kaviraje, December 09, 2024, 04:23:59 PM

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Atul Kaviraje

 शुभ दोपहर,सोमवार मुबारक हो

"कोमल लहरों के साथ धूप से जगमगाता समुद्र तट"

कोमल लहरों के संग, उठता है हर पल एक गीत,
सागर की गहरी गूंज में बसी है शांत और मधुर रीत,
धूप की किरणें, जैसे स्वर्ण रेखाएं बिछी हों,
समुद्र तट पर, हर कण में सजीवता जैसे खिली हो।

लहरें मृदु सी, धीरे-धीरे तट से मिलती हैं,
एक मृदुल स्पर्श छोड़कर, अपनी राह फिर बदलती हैं,
समुद्र की लहरों में निहित हैं अनकहे आंसू और हंसी,
जो सागर से निकलकर, क़दमों के नीचे समा जाती है, असीम शांति की गहरी बाती।

धूप की किरणें, जैसे सुनहरे रेशमी धागे,
लहरों पर पड़ते ही, फैल जाती हैं रंग-बिरंगे रागे,
सागर के जल में जो लहरें उठती हैं, उन में एक चमक होती है,
जैसे हर बूंद अपनी आत्मा से प्रकट होने की चाहत होती है।

बीच पर लहरों का हल्का सा स्पर्श, और उसकी कोमल आवाज,
जैसे जीवन की संगीतमाला में गूंज रही हो कोई खास राज,
यहाँ हर कदम में एक ताजगी छुपी है,
धूप की किरणें, हर लहर में एक नयी उम्मीद भर देती हैं।

हर लहर की छाया, समुद्र तट पर मिलकर रचती है कथा,
समुद्र की लहरों में, जैसे हर दर्द और खुशी की यात्रा,
सागर की धूप और लहरें, जैसे किसी कहानी के पात्र,
जो समय और सर्दी-गर्मी से परे, अपना राग बस गाते रहते हैं हर क्षण।

वायु का हल्का झोंका, धूप के साथ लहरों का खेल,
समुद्र तट पर सब कुछ लगता है जैसे एक मंत्रमुग्ध महल,
लहरें अपनी लय में डूबकर मिलती हैं, जैसे कोई अंतरात्मा की बात,
इस शांत समुंदर के तट पर ही तो बसी है, जीवन की सबसे सुंदर छांव और रात।

कोमल लहरों के संग, धूप से जगमगाता समुद्र तट,
एक अजिब सा शांति का अहसास, दिल में गूंजता है, हल्का और सच्चा सत्त,
यहाँ हर एक दृश्य में, हर एक क्षण में कुछ अद्वितीय बसी होती है,
यह समुंदर अपनी धूप और लहरों के साथ जीवन के सबसे सुंदर हिस्से को जीता है।

     यह कविता कोमल लहरों और धूप से जगमगाते समुद्र तट के सौंदर्य और शांति को व्यक्त करती है। समुद्र की लहरें और सूरज की किरणें मिलकर एक अद्वितीय दृश्य और भावना का निर्माण करती हैं, जो जीवन में उम्मीद, ताजगी और गहरे सुकून को दर्शाती है।

--अतुल परब
--दिनांक-09.12.2024-सोमवार.
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