"आरामदायक कंबल के साथ सुबह की कॉफी"

Started by Atul Kaviraje, December 10, 2024, 08:56:26 AM

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Atul Kaviraje

सुप्रभात, मंगलवार मुबारक हो

"आरामदायक कंबल के साथ सुबह की कॉफी"

ठंडी सुबह की सर्द हवा,
कंबल में लिपटी, मन की ख़ुशी का रंग,
सर्दी की सिहरन में, कॉफी का प्याला,
दिल को सुकून दे, जैसे सपना सा संग।

कंबल में लिपटी हुई एक मीठी सी राहत,
गुनगुनी धूप की किरणें, आईं जैसे पास,
चाय या कॉफी का स्वाद बढ़ा देता है,
एक गहरी सांस में ढल जाता है दिन का एहसास।

कॉफी का हल्का सा गहरा रंग,
संग में ख्यालों का एक संसार बसाए,
उसमें बसी है ढेर सारी बातें,
जिन्हें हम अक्सर अपने भीतर दबाए।

कंबल में लिपटा मन और तन,
आशाएं और ख्वाब, बड़े आराम से बुनते,
कॉफी की गर्मी में एक अद्भुत प्रेम,
हर घूंट में बस दुनिया भर की बातें सुनते।

चमचमाती हुई उस प्याली में,
रंगों का आभास जैसे स्वप्नों का गीत,
कभी मीठी, कभी ताजगी से भरी,
यह सुबह की कॉफी, हर दिल में हरारत लाती।

खिड़की से आती सर्दी की ठंडी हवाएं,
लेकिन अंदर का गर्माहट सब कुछ सहती हैं,
कंबल में सिमटी यह नन्ही सी ताजगी,
कॉफी का प्याला जैसे दुनिया की नज़दीकी देती है।

इन्हीं सुखों के बीच बसा एक पल,
जैसे समय भी थम जाता है,
कंबल के अंदर बसी चुप्प सी बातों में,
कॉफी का स्वाद हमारे दिन को सजाता है।

सारे छोटे-छोटे ख्वाब मन में पलते,
तुम्हारी यादें, और किसी सुकून की तलाश,
कॉफी की एक चुस्की में गहरी शांति पाई,
कंबल में लिपटी, सबकुछ भूल जाते हैं हम।

आरामदायक कंबल और सुबह की कॉफी,
दोस्ती का एहसास और दिल को सुकून देती,
हर दिन की शुरुआत इस प्यार भरे पल से,
हमारे अंदर एक नई उम्मीद, एक नई किरण जगाती।

इस पल में सबकुछ है, फिर भी कुछ नहीं चाहिए,
हर घूंट में एक नई यात्रा का अहसास होता है,
कॉफी और कंबल में लिपटी इस सुबह की ताजगी,
हमारी सारी चिंताओं को एक नयी दिशा देती है।

     यह कविता आरामदायक कंबल में लिपटी हुई सुबह की शांति और कॉफी के स्वाद को दर्शाती है, जो दिन की शुरुआत को एक प्यारी और सुकून भरी यात्रा में बदल देती है। यह पल एक अद्भुत खुशी का एहसास देता है, जिसमें ख्वाबों और सुकून का मिलाजुला रूप है।

--अतुल परब
--दिनांक-10.12.2024-मंगळवार.
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