"हरे-भरे पार्क में धूप का आनंद लेते लोग"

Started by Atul Kaviraje, December 10, 2024, 01:33:03 PM

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Atul Kaviraje

शुभ दोपहर, मंगलवार मुबारक हो

"हरे-भरे पार्क में धूप का आनंद लेते लोग"

हरे-भरे पार्क में, जहां हर पौधा मुस्काता है,
सूरज की किरणें धरती पर हल्के से गिर जाती हैं,
आसमान में बादल कभी आकर रुकते नहीं,
लेकिन धूप के साथ हर दिशा में हरियाली फैल जाती है।

पार्क में लोग बैठें, हलकी हवाओं में झूलते,
पत्तों की सरसराहट में, वे अपनी दुनिया भूलते,
सूरज की किरणें उनकी त्वचा पर फैलती हैं,
मानो हर एक धड़कन में, सुख की एक नई राग उठती है।

बच्चे दौड़ते हैं, खिलखिलाते चेहरों के साथ,
उनकी हंसी में गूंजता है सुखद संगीत का साथ,
लोग टहलते हैं, झूलों पर चढ़कर चलते हैं,
उनकी आँखों में हर कदम का उत्साह छलकता है।

धूप की गोल-गोल बूँदें पेड़ों से छनकर आतीं,
और धूप में हर कतरा जैसे सुनहरे रंग में रंग जाता,
लोग पार्क में बैठकर एक-दूसरे से बातें करते,
हर शब्द में, उस चुप्प में एक छुपा हुआ प्यार पाते।

कुछ लोग बेंच पर बैठ, किताबों में खो जाते हैं,
कुछ अपनी सोच में गहरे डूबे रहते हैं,
लेकिन एक जादू है इस धूप में,
जो हर व्यक्ति को आत्मविश्वास से भर देती है।

सभी की छायाएँ पेड़ों की लंबी शाखाओं में बसी रहती,
धरती पर हर कदम का हर रचनात्मक विचार उभरता,
हवा में उड़ते पंख, उस सूरज की प्रखरता से सजे,
हिरनी के जैसे जीवन के हर पल को जीते।

हरे-भरे पार्क में हरियाली का अद्भुत संगम,
धूप की हल्की-हल्की बूँदों में बसी ज़िंदगी का रंग,
यहां हर व्यक्ति अपनी दुनिया को महसूस करता है,
सूरज की किरणें, दिलों में एक नई ताजगी भरती हैं।

पार्क की राहों में, शांति और संतुलन की बात,
सूरज की धूप, और पत्तों की सरसराहट में सामंजस्य की रात,
हरे-भरे पार्क में, जो भी आए,
वो हर पल को महसूस करता है और पूरी दुनिया को समझ पाता है।

     यह कविता हरे-भरे पार्क में धूप का आनंद लेते हुए लोगों के जीवन में छिपी शांति, उत्साह और खुशी को व्यक्त करती है। पार्क में बिताया गया समय, धूप की कोमल किरणों में हर व्यक्ति को एक नई ऊर्जा और आत्मविश्वास से भर देता है।

--अतुल परब
--दिनांक-10.12.2024-मंगळवार.
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