भारतीय अर्थव्यवस्था: वर्तमान स्थिति-1

Started by Atul Kaviraje, December 11, 2024, 09:29:48 PM

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Atul Kaviraje

भारतीय अर्थव्यवस्था: वर्तमान स्थिति-

भारतीय अर्थव्यवस्था आज एक विशाल और विविधतापूर्ण प्रणाली के रूप में उभरी है, जो कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्र में मजबूत आधार पर खड़ी है। यह दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, लेकिन इसके बावजूद कई आर्थिक और सामाजिक चुनौतियाँ सामने आती हैं, जिन्हें हल करने के लिए ठोस उपायों की आवश्यकता है। भारतीय अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति को समझने के लिए हमें इसके विभिन्न पहलुओं को विस्तार से देखना होगा।

भारतीय अर्थव्यवस्था का संक्षिप्त परिचय:
भारत की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से तीन प्रमुख क्षेत्रों पर आधारित है:

कृषि क्षेत्र
औद्योगिक क्षेत्र
सेवा क्षेत्र
इन तीनों के बीच संतुलन और समन्वय बनाए रखने के प्रयास जारी हैं। हालांकि सेवा क्षेत्र जैसे सूचना प्रौद्योगिकी, व्यापार और फाइनेंस में तेजी से विकास हुआ है, लेकिन कृषि क्षेत्र अभी भी बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार प्रदान करता है और देश की GDP का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

वर्तमान स्थिति की विशेषताएँ:
1. वृद्धि दर और जीडीपी (GDP):
भारत की GDP पिछले कुछ वर्षों में अच्छा प्रदर्शन कर रही है, और 2024 में अनुमानित वृद्धि दर 7% के आसपास हो सकती है। हालांकि, यह दर वैश्विक मंदी और आंतरराष्ट्रीय व्यापार की अनिश्चितताओं के कारण प्रभावित हो सकती है। भारत की अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है, जो इसके विकास को गति प्रदान करता है, लेकिन कृषि और उद्योग में कमी के कारण विकास की गति में उतार-चढ़ाव होता है।

2. महंगाई (Inflation):
महंगाई भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा मुद्दा बन चुकी है। खाद्य पदार्थों, ईंधन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है। महंगाई दर कुछ सालों से ऊंची बनी हुई है, जिससे आम आदमी की खर्चीली जिंदगी पर असर पड़ रहा है। महंगाई को नियंत्रित करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ब्याज दरों में वृद्धि की है, लेकिन फिर भी आम जनता पर महंगाई का असर साफ दिखाई देता है।

3. कृषि संकट:
भारत का अधिकांश ग्रामीण आबादी कृषि पर निर्भर करती है, लेकिन कृषि क्षेत्र में कई समस्याएँ हैं। वर्षा की अनियमितता, कम उपज, कृषि उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कमी, और कृषि कर्ज से जुड़े मुद्दे इसके मुख्य कारण हैं। सरकार ने कुछ सुधारात्मक कदम उठाए हैं, लेकिन कृषि क्षेत्र के सुधार के लिए और ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

4. रोजगार और बेरोजगारी:
रोजगार का सृजन भारतीय अर्थव्यवस्था की एक बड़ी चुनौती है। बेरोजगारी दर पिछले कुछ समय में बढ़ी है, खासकर युवाओं के बीच। उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं को अपने कौशल के अनुसार रोजगार पाने में कठिनाई हो रही है। रोजगार सृजन के लिए उद्योगों, स्टार्टअप्स और सेवा क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने की आवश्यकता है।

5. वित्तीय क्षेत्र और बैंकिंग:
भारतीय वित्तीय प्रणाली और बैंकिंग क्षेत्र में सुधार की प्रक्रिया जारी है। नोटबंदी और GST (वस्तु एवं सेवा कर) जैसे कदमों से आर्थिक सुधारों में मदद मिली है, लेकिन बैंकिंग क्षेत्र में NPAs (गैर-निष्पादित संपत्तियाँ) और ऋण की बकाया समस्याएँ बनी हुई हैं। इसके अलावा, क्रेडिट विस्तार और छोटे व्यापारियों के लिए आसान वित्तीय पहुँच सुनिश्चित करना आवश्यक है।

6. व्यापार और निर्यात:
भारत की निर्यात में भी समस्याएँ आ रही हैं। वैश्विक व्यापार युद्ध और अन्य भूराजनीतिक मुद्दों के कारण भारतीय निर्यात में कमी आ सकती है। इसके बावजूद, सूचना प्रौद्योगिकी, फार्मास्यूटिकल्स और संगठित वस्त्र उद्योग के क्षेत्र में निर्यात बढ़ाने की संभावना है।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-11.12.2024-बुधवार.
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