पर्यावरणीय स्थिरता (Environmental Sustainability)-1

Started by Atul Kaviraje, December 14, 2024, 10:20:51 PM

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Atul Kaviraje

पर्यावरणीय स्थिरता (Environmental Sustainability)-

पर्यावरणीय स्थिरता का मतलब है प्राकृतिक संसाधनों का इस तरह से उपयोग करना कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी ये संसाधन उपलब्ध रहें और साथ ही पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव कम से कम हो। यह एक ऐसा विकास है जो पर्यावरण को नुकसान पहुँचाए बिना समाज और अर्थव्यवस्था की आवश्यकताओं को पूरा करता है। पर्यावरणीय स्थिरता न केवल प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण से संबंधित है, बल्कि यह प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को बनाए रखने के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक विकास को भी सुनिश्चित करता है।

आजकल पर्यावरणीय स्थिरता अत्यधिक महत्वपूर्ण हो गई है क्योंकि बढ़ती जनसंख्या, अत्यधिक औद्योगिकीकरण, और अपशिष्टों का बढ़ता संकट पर्यावरणीय असंतुलन का कारण बन रहे हैं। ऐसे में, यदि हम पर्यावरणीय स्थिरता की दिशा में काम करते हैं, तो हम न केवल पर्यावरण को बचा सकते हैं, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और समृद्ध पृथ्वी भी सुनिश्चित कर सकते हैं।

1. पर्यावरणीय स्थिरता की परिभाषा
पर्यावरणीय स्थिरता का तात्पर्य है प्राकृतिक संसाधनों का इस तरह से उपयोग करना कि वे भविष्य में भी उतने ही प्रचुर मात्रा में उपलब्ध रहें। इसका उद्देश्य न केवल पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित रखना है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि संसाधनों का उपयोग संतुलित तरीके से किया जाए ताकि प्राकृतिक विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र का क्षरण न हो।

पर्यावरणीय स्थिरता को तीन प्रमुख स्तंभों में बांटा जा सकता है:

आर्थिक स्थिरता: प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग इस प्रकार से किया जाए कि वे दीर्घकालिक रूप से आर्थिक लाभ प्रदान कर सकें, और वर्तमान में विकसित हो रही अर्थव्यवस्था का भविष्य पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े।

सामाजिक स्थिरता: समाज में समानता, समृद्धि और जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाना, ताकि सभी वर्गों के लोग पर्यावरणीय स्थिरता से लाभान्वित हो सकें।

पर्यावरणीय स्थिरता: प्राकृतिक संसाधनों का संतुलित और विवेकपूर्ण उपयोग करना, ताकि पारिस्थितिकी तंत्र का नुकसान न हो और जैवविविधता बनी रहे।

2. पर्यावरणीय स्थिरता के उद्देश्य
पर्यावरणीय स्थिरता का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग करना है ताकि भविष्य में उनकी उपलब्धता बनी रहे। इसके अलावा, इसका उद्देश्य पर्यावरणीय असंतुलन और प्रदूषण को कम करना, जैव विविधता का संरक्षण करना, और जलवायु परिवर्तन से निपटना है।

मुख्य उद्देश्य:

जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करना और ग्लोबल वार्मिंग को कम करना।
प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और पुनः उपयोग।
प्रदूषण को कम करना और अपशिष्ट प्रबंधन को बेहतर बनाना।
वनस्पतियों और जीवों की जैव विविधता का संरक्षण।
पर्यावरणीय शिक्षा और जागरूकता फैलाना।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-14.12.2024-शनिवार.
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