"सूर्योदय के समय झील का सुकून भरा नज़ारा"

Started by Atul Kaviraje, December 16, 2024, 09:27:54 AM

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Atul Kaviraje

सुप्रभात, सोमवार मुबारक हो

"सूर्योदय के समय झील का सुकून भरा नज़ारा"

सुबह की पहली किरणें जब आकाश को छूने आती हैं,
झील की सतह पर सोने जैसी रेखाएं फैल जाती हैं,
नम हवाएँ धीरे-धीरे कानों में कुछ कह जाती हैं,
और हर लहर में एक नयी उम्मीद नज़र आती है।

आकाश का नीला रंग धीरे-धीरे सोने में बदलने लगता है,
सूरज की किरणें पानी पर जैसे स्वर्णिम फूलों का बिछावन बिछा देती हैं,
झील की गहरी चुप्प, हर क़दम पर जैसे एक ख़ास गूंज छोड़ जाती है,
यह दृश्य, यह शांति, आत्मा में समाती जाती है।

पानी की सतह पर तैरती हुई हलकी सी ओस की बूँदें,
सूरज के ताप से धीरे-धीरे पिघलने लगती हैं,
मध्यम रफ्तार से बहती हवा, जैसे कुछ पुराने गीत गाती हो,
और ये सब एक लय में बंधकर, दिल को शांति से भर देती है।

झील के किनारे पर खड़े छोटे-छोटे पेड़,
अपनी शाखाओं को सूरज के आगमन में समर्पित करते हैं,
हर पत्ते में एक नयी ऊर्जा समाहित हो रही है,
जो दिन भर की धूप से पहले की शांति को महसूस कराती है।

कभी-कभी झील में तैरते हुए मोती जैसे कमल के फूल,
सूरज की पहली किरण को अपने ऊपर बिखेरते हैं,
उनकी नज़ाकत में एक ग़ज़ब की सुंदरता समाई होती है,
जो किसी कविता से कम नहीं लगती, बस नज़र से देखनी होती है।

सुरमई आसमान में जब सूरज अपना मुकुट पहनता है,
झील की नर्म लहरें उसे अपनी बाहों में समेट लेती हैं,
हर लहर में एक गीत, हर लहर में एक दुआ,
जो सभी को बताती है कि यह क्षण है जीवन का अद्भुत रूप।

दूर-दूर तक फैली हुई शांत झील की गहरी गाथा,
सुर्य की रौशनी में दमकती हुई सोने जैसी दिखती है,
यह दृश्य कोई साधारण दृश्य नहीं, एक ख्वाब सा लगता है,
जहाँ समय का हिसाब, खुद समय भी भूल जाता है।

पानी के बीच में एक नाव धीरे-धीरे तैरती जाती है,
उसकी हलकी हलचल झील की चुप्पी को और गहरा करती है,
नाव में बैठा हुआ मछुआरा अपने शांत मन से,
सूर्य की रौशनी को अपनी दिनचर्या का हिस्सा मानता है।

चिड़ियों का गीत गूंजता है इस शांति में,
उनका राग वातावरण में घुल जाता है,
हर स्वर एक नयी उम्मीद को जन्म देता है,
और यह सब मिलकर एक अद्भुत संगीत की रचना करता है।

आशा और विश्वास की लहरें झील के पानी में जैसे बहती हैं,
जैसे सूरज का हर नया दिन, एक नयी शुरुआत का संदेश होता है,
यह दृश्य हमें सिखाता है कि जीवन में हमेशा शांति की तलाश करें,
और सूर्योदय के समय की इस चुप्प में खुद को पहचानें।

यह झील, यह सूर्योदय, यह शांत वातावरण,
सब कुछ एक परिपूर्णता में बसा हुआ है,
यह सुकून भरा दृश्य हमें बताता है,
कि जीवन की असल ख़ुशियाँ सिर्फ अंदर से महसूस होती हैं।

और जब सूरज अपनी पूरी ताकत के साथ आकाश में चढ़ता है,
झील फिर से अपनी शांति को समेट लेती है,
लेकिन उसका सुकून, जो इस अद्भुत दृश्य में बसा था,
हमेशा के लिए हमारे दिलों में एक अमिट छाप छोड़ जाता है।

यह सूर्योदय और झील का नज़ारा,
एक अद्वितीय अनुभव है, जिसे शब्दों में बांध पाना मुश्किल है,
लेकिन जब हम इसे अपने दिल से महसूस करते हैं,
तो यह हमारे जीवन के सबसे सुकूनदायक पल बन जाते हैं।

--अतुल परब
--दिनांक-16.12.2024-सोमवार.
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