कोविड-19 के बाद आर्थिक सुधार:-1

Started by Atul Kaviraje, December 16, 2024, 10:28:42 PM

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Atul Kaviraje

कोविड-19 के बाद आर्थिक सुधार: हिंदी उदाहरणों के साथ सम्पूर्ण, जानकारीपूर्ण और विवेचनात्मक विस्तृत लेख-

परिचय:

कोविड-19 ने न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व की आर्थिक व्यवस्था को प्रभावित किया। वैश्विक लॉकडाउन, व्यापारों का ठप होना, बेरोजगारी, और जीवन की सामान्य गति में रुकावट आई। लेकिन महामारी के इस संकट के बावजूद, भारत सहित कई देशों ने अपनी अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। कोविड-19 के बाद आर्थिक सुधारों की प्रक्रिया शुरू हुई, जो कि भारत की आर्थिक स्थिति को पुनः स्थिर और मजबूत बनाने के लिए आवश्यक थी। इस लेख में कोविड-19 के बाद के आर्थिक सुधारों का विश्लेषण किया जाएगा, साथ ही साथ उन सुधारों के प्रभाव और उदाहरणों की भी चर्चा की जाएगी।

कोविड-19 के बाद के आर्थिक सुधारों की दिशा:
आत्मनिर्भर भारत अभियान:
कोविड-19 के बाद भारत सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान शुरू किया, जो कि देश की अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से था। इस अभियान के तहत भारतीय उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए कई पहलें की गईं, जैसे कि मेक इन इंडिया और वोकल फॉर लोकल। सरकार ने छोटे और मझोले उद्योगों को सहायता देने के लिए ₹20 लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज घोषित किया।

उदाहरण:
महाराष्ट्र में छोटे उत्पादक जिन्होंने पहले विदेशी सामानों का आयात किया था, उन्होंने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत स्थानीय कच्चे माल का उपयोग करके अपनी उत्पादों का निर्माण करना शुरू किया। इससे न केवल उनके व्यापार को लाभ हुआ, बल्कि भारतीय उत्पादों को भी बढ़ावा मिला और रोजगार के अवसर बढ़े।

डिजिटल परिवर्तन और टेक्नोलॉजी का उपयोग:
कोविड-19 के दौरान ऑनलाइन सेवाओं का उपयोग बढ़ा। यह स्थिति व्यापारों और कंपनियों को डिजिटलीकरण की ओर आकर्षित करने का कारण बनी। विशेषकर ई-कॉमर्स, ऑनलाइन शिक्षा, और डिजिटल भुगतान में वृद्धि देखी गई। यह परिवर्तन भारतीय अर्थव्यवस्था के डिजिटल रूपांतरण में एक मील का पत्थर साबित हुआ।

उदाहरण:
कोविड के दौरान कई छोटे व्यापारियों ने अपनी दुकानों और उत्पादों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर लिस्ट किया। उन्होंने अपनी सेवाओं को डिजिटल रूप में लोगों तक पहुंचाया, जिससे उनका व्यवसाय फिर से तेजी से बढ़ा। उदाहरण के लिए, पुणे के एक छोटे हस्तशिल्प व्यवसायी ने अपनी उत्पादों को ई-कॉमर्स साइट पर बेचना शुरू किया, जिससे उन्हें नई बाजार तक पहुँचने का मौका मिला।

सरकारी आर्थिक पैकेज और राहत योजनाएं:
कोविड-19 महामारी के बाद, सरकार ने कई राहत योजनाओं की घोषणा की, ताकि आर्थिक संकट से जूझ रहे नागरिकों, व्यापारियों और उद्योगों को राहत मिल सके। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, मुद्रा योजना, और कृषि सुधार योजनाएं इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम थे। इन योजनाओं के तहत बेरोजगारों को कर्ज, स्वयं रोजगार शुरू करने के लिए ऋण, और कृषि उत्पादकता को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन दिए गए।

उदाहरण:
उत्तर प्रदेश के एक छोटे से कृषक ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत दी गई सहायता से अपनी कृषि उपज को बेहतर बनाने के लिए नवीनतम तकनीकों का उपयोग किया, जिससे उसकी उपज में बढ़ोतरी हुई और उसे अपनी फसल का अच्छा मूल्य प्राप्त हुआ।

नौकरी और रोजगार के अवसर:
कोविड-19 के कारण बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो गए थे। सरकार ने प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना और स्किल इंडिया मिशन जैसी योजनाओं के जरिए लोगों को फिर से रोजगार के अवसर प्रदान किए। मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के तहत नए उद्योगों को बढ़ावा दिया गया और रोजगार सृजन के लिए कई उपाय किए गए।

उदाहरण:
झारखंड में एक युवक जिसने लॉकडाउन के कारण अपना छोटा व्यापार बंद कर दिया था, ने सरकार द्वारा दिए गए स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग के माध्यम से एक नया व्यवसाय शुरू किया और अब वह सफलता की ओर अग्रसर है। इस तरह के उदाहरणों से यह स्पष्ट होता है कि कौशल प्रशिक्षण और रोजगार सृजन योजनाओं ने कई लोगों को आत्मनिर्भर बना दिया।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-16.12.2024-सोमवार.
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