"सिटी पार्क में आराम कर रहे लोग"

Started by Atul Kaviraje, December 18, 2024, 04:32:22 PM

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Atul Kaviraje

शुभ दोपहर, बुधवार मुबारक हो

"सिटी पार्क में आराम कर रहे लोग"

सिटी पार्क की हर एक गली में,
शांति और सौंदर्य का रंग जली में।
वहां लोग बिखरे हैं सुख की छांव में,
सजग, संतुष्ट, शांतिपूर्ण बदलाव में।

सर्दी की हवा हल्के से छू रही है,
हरे-भरे वृक्षों की छांव में ठंडी हवा बह रही है।
कभी कुछ पक्षी गीत गाते हैं दूर से,
जैसे जीवन के हर पल को मधुर बनाते हैं कहीं पास से।

एक बुजुर्ग दंपत्ति आराम से बैठे हैं,
एक-दूसरे की आँखों में प्रेम के गीत गाते हैं।
उनकी मुस्कान में वर्षों का अनुभव छिपा है,
जिन्होंने जीवन को समझा है, जीवन को जीते हुए विपरीत।

पास में बच्चे खेलते हैं, अपनी दुनिया में खोये,
माँ-बाप के हंसी की ध्वनियों से घिरे हुए।
उनकी मासूमियत और चंचलता से भरी हुई आवाज़,
कभी एक बबल, कभी एक गेंद, उनका संसार यह साज।

आगे की ओर एक युवा जोड़ी, हाथ में हाथ डालकर चलती है,
उनकी आँखों में स्वप्न और दिल में प्यार पलता है।
कुछ देर को रुकते हैं, पार्क की बेंच पर बैठते हैं,
अपने विचारों और भावनाओं को एक-दूसरे में बाँटते हैं।

कुछ लोग किताबों में खोये हुए,
सोचते हैं, समझते हैं, पढ़ते हुए।
संसार से दूर, बस अपने विचारों के साथ,
उनके पास है समय, उनके पास है राहत।

कहीं एक औरत, ध्यान लगाये बैठी है,
हर सांस में शांति, हर विचार में मुक्त है।
वह सन्नाटे में डूबे हुए, खुद से बात करती है,
इस हरे-भरे वातावरण में सुकून पाती है।

जॉगर्स की एक लहर दौड़ रही है,
ताजगी की आभा, उर्जा से भरी है।
हर कदम में शक्ति और आत्मविश्वास है,
जैसे हर समस्या से जूझने का साहस है।

पानी का झरना आवाज़ करता है शांत,
उसकी लहरों में गूंजती है एक ख़ुशबू सी कान्त।
पानी के गिरने की ध्वनि, सबको लाती है शांति,
यह प्रकृति का संगीत, है सबकी आत्मा की ज्योति।

आसमान में सूरज धीरे-धीरे डूबता है,
अंधेरा और रोशनी मिलकर बिछता है।
सब लोग देख रहे हैं, सूर्यास्त के रंगों को,
जैसे जीवन की हर अंधेरी राहों को सवेरा दिखाते हो।

सिटी पार्क में आराम कर रहे लोग,
जिनकी जिंदगी में हो कुछ पल शांति के साथ।
यहाँ हर दिन एक नई शुरुआत होती है,
जैसे हर पल का आनंद, मन के भीतर निखरती है।

इस पार्क में न कोई भागमभाग है,
न कोई जलवायु की हड़बड़ी है।
यह जगह है हर दिल को एक ठहराव देती,
यह जगह है जो जीवन में सुकून की गहरी समझ देती।

हर चेहरा शांत, हर हंसी सच्ची,
इस पार्क में हर कदम की हलचल मस्त।
यह लोग यहाँ आराम कर रहे हैं,
जैसे दुनिया की सारी चिंता भूल रहे हैं।

सिटी पार्क सिर्फ एक जगह नहीं है,
यह तो जीवन की सच्ची समझ है।
यह हर दिल को प्रोत्साहित करता है,
और जीवन को एक नयी दिशा दिखाता है।

—सिटी पार्क में आराम कर रहे लोग, अपने जीवन के हर पल में शांति और सुकून की खोज में !

--अतुल परब
--दिनांक-18.12.2024-बुधवार.
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