भारत के नागरिक: डिजिटल प्रौद्योगिकी का उचित उपयोग-1

Started by Atul Kaviraje, December 20, 2024, 10:02:46 PM

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Atul Kaviraje

भारत के नागरिक: डिजिटल प्रौद्योगिकी का उचित उपयोग-

डिजिटल प्रौद्योगिकी ने हमारी दुनिया को एक नया आयाम दिया है। आज के समय में, डिजिटल तकनीक ने जीवन के लगभग सभी पहलुओं को प्रभावित किया है, चाहे वह शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यवसाय, या सरकारी सेवाएं हों। भारत जैसे देश में जहाँ तकनीकी विकास के साथ-साथ विभिन्न सामाजिक और आर्थिक चुनौतियाँ भी हैं, डिजिटल प्रौद्योगिकी का उचित उपयोग न केवल व्यक्तिगत विकास में सहायक है, बल्कि समग्र राष्ट्र की प्रगति के लिए भी आवश्यक है।

डिजिटल प्रौद्योगिकी का महत्त्व
डिजिटल प्रौद्योगिकी का सही उपयोग समाज और राष्ट्र के विकास में अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल और सुलभ बनाता है, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार और अन्य क्षेत्रों में भी क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है।

शिक्षा का डिजिटल रूपांतरण: भारत में शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल प्रौद्योगिकी ने महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं। विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों में ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से छात्र अब उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। महामारी के दौरान, ऑनलाइन शिक्षा ने यह सिद्ध कर दिया कि डिजिटल प्रौद्योगिकी विद्यार्थियों को घर बैठे शिक्षा प्रदान करने में सक्षम है।

उदाहरण: राष्ट्रीय ई-विद्यालय (National e-Vidyalaya) और स्वयंपाठी कार्यक्रम (SWAYAM) जैसी पहलें छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करती हैं। इन डिजिटल प्लेटफार्मों पर हजारों पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं जो विद्यार्थियों को उनके घरों से शिक्षा प्राप्त करने में मदद करते हैं।

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार: डिजिटल प्रौद्योगिकी ने भारतीय स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। टेलीमेडिसिन और डिजिटल हेल्थ प्लेटफॉर्म के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में भी उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। यह न केवल इलाज को सस्ता बनाता है, बल्कि डॉक्टरों और मरीजों के बीच की दूरी को भी कम करता है।

उदाहरण: आयुष्मान भारत योजना, जो डिजिटल प्लेटफार्मों पर आधारित है, गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करती है। इसके अलावा, टेलीमेडिसिन सेवाएं, जैसे कि eSanjeevani और मीडिसिटी, ने डॉक्टरों के साथ संपर्क स्थापित करने में मरीजों की सहायता की है।

डिजिटल भुगतान और वित्तीय समावेशन: डिजिटल प्रौद्योगिकी के द्वारा वित्तीय लेन-देन की प्रक्रिया को सुरक्षित, तेज़ और आसान बनाया गया है। यूपीआई (UPI) और मोबाइल वॉलेट्स जैसे प्लेटफॉर्म ने वित्तीय लेन-देन को सरल बना दिया है। इससे न केवल शहरी बल्कि ग्रामीण भारत में भी वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिला है।

उदाहरण: डिजिटल भुगतान प्रणालियों जैसे Paytm, Google Pay, PhonePe और अन्य ने भारतीय नागरिकों को स्मार्टफोन के जरिए धन हस्तांतरण, बिल भुगतान, और अन्य वित्तीय कार्यों को करना आसान बना दिया है। यह नकद लेन-देन की जगह लेता जा रहा है, और भ्रष्टाचार में भी कमी ला रहा है।

सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता और सुलभता: डिजिटल प्रौद्योगिकी ने सरकार की सेवाओं में पारदर्शिता, गति और सुलभता को बढ़ावा दिया है। सरकारी योजनाओं की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध कराना, लाभार्थियों को सीधे बैंक खाते में भुगतान भेजना, और कागजी प्रक्रिया को समाप्त करना डिजिटल इंडिया मिशन का हिस्सा है।

उदाहरण: "आधार" कार्ड, "जन धन योजना" और "पीएमजीडीबी" जैसी योजनाएं डिजिटल इंडिया के सफल उदाहरण हैं। इन योजनाओं के माध्यम से लाखों भारतीय नागरिकों को सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे मिल रहा है।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-20.12.2024-शुक्रवार.
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