देवी लक्ष्मी के 'अष्टलक्ष्मी' स्वरूप का महत्व-2

Started by Atul Kaviraje, December 20, 2024, 10:20:00 PM

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Atul Kaviraje

देवी लक्ष्मी के 'अष्टलक्ष्मी' स्वरूप का महत्व-
(The Significance of Goddess Lakshmi's 'Ashtalakshmi' Form)

3. अष्टलक्ष्मी की पूजा विधि
अष्टलक्ष्मी की पूजा विशेष रूप से दीपावली जैसे पर्वों पर की जाती है। यह पूजा विधि बहुत ही सरल है, लेकिन श्रद्धा और विश्वास के साथ की जाती है:

पूजा स्थल की शुद्धता: सबसे पहले पूजा स्थान को स्वच्छ और पवित्र किया जाता है। पूजा के लिए एक लकड़ी की चौकी पर या पूजा घर में देवी लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र स्थापित किया जाता है।

दीप जलाना: पूजा में दीपक और अगरबत्ती का विशेष महत्व है। दीप जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और वातावरण शुद्ध होता है।

पंचामृत अभिषेक: पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) से देवी लक्ष्मी का अभिषेक किया जाता है। यह विशेष रूप से देवी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है।

अष्टलक्ष्मी के आठ रूपों का पूजन: अष्टलक्ष्मी के आठ रूपों की पूजा की जाती है। भक्त एक-एक करके इन रूपों का ध्यान करते हुए मंत्रोच्चारण करते हैं। इन रूपों को अर्पित फल, मिठाई और फूल अर्पित किए जाते हैं।

मंत्रोच्चारण: पूजा के दौरान देवी लक्ष्मी के मंत्र जैसे 'ॐ महालक्ष्म्यै च विद्महे, विष्णुपत्न्यै च धीमहि, तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात' का उच्चारण किया जाता है। यह मंत्र लक्ष्मी माता से समृद्धि और धन की प्राप्ति के लिए है।

नैवेद्य अर्पण और आरती: पूजा के बाद देवी लक्ष्मी को प्रिय पदार्थों का नैवेद्य अर्पित किया जाता है। अंत में देवी की आरती गाई जाती है और भक्तों के जीवन में समृद्धि, सुख और ऐश्वर्य की कामना की जाती है।

4. अष्टलक्ष्मी के महत्व के उदाहरण
उदाहरण 1: एक व्यापारी जो लंबे समय से अपने व्यापार में परेशान था, उसने अष्टलक्ष्मी का पूजन शुरू किया। पूजा के कुछ ही दिनों बाद उसे नए अवसर मिले और उसका व्यापार तेजी से बढ़ने लगा। इस तरह उसने देवी लक्ष्मी के अष्टलक्ष्मी रूपों का आशीर्वाद प्राप्त किया और सफलता की ऊँचाइयों को छुआ।

उदाहरण 2: एक परिवार जो संतान सुख की कामना कर रहा था, उसने संतान लक्ष्मी की विशेष पूजा की। कुछ महीनों बाद उस परिवार को संतान सुख प्राप्त हुआ और वे अत्यधिक आभारी हुए।

निष्कर्ष:
अष्टलक्ष्मी के आठ रूपों की पूजा करने से व्यक्ति को जीवन के विभिन्न पहलुओं में सुख, समृद्धि, ऐश्वर्य, मानसिक शांति, और शक्ति मिलती है। ये रूप व्यक्ति के जीवन में एक आंतरिक संतुलन और समृद्धि का संचार करते हैं। अष्टलक्ष्मी का पूजन व्यक्ति को न केवल भौतिक सुख देता है, बल्कि आत्मिक और मानसिक शांति भी प्रदान करता है। देवी लक्ष्मी के अष्टलक्ष्मी रूपों की पूजा को अपनाकर कोई भी व्यक्ति अपने जीवन को सफलता, सुख और समृद्धि से भर सकता है।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-20.12.2024-शुक्रवार.
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