"शाम की परछाइयों वाला एक शांत बगीचा"

Started by Atul Kaviraje, December 23, 2024, 09:37:25 PM

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Atul Kaviraje

शुभ संध्या, सोमवार मुबारक हो

"शाम की परछाइयों वाला एक शांत बगीचा"

सूरज ढलने लगा, आकाश ने रंग लिया, 🌅
शाम का समय था, बगीचे ने गहराई पाई। 🌳
पत्तों की सरसराहट में चुप्पी छाई, 🌿
संध्या की परछाई में सब कुछ शांति से समाई। 🌙

सप्तरंग के बादल, आकाश में छाए, 🌈
पक्षी घर की ओर धीरे-धीरे लौट आए। 🦅
वृक्षों की परछाइयां लंबी हो गईं, 🌳
सर्द हवा ने दिल को सुकून दे दिया। 🌬�

फूलों में बसी एक मीठी खुशबू, 🌸
शाम का जादू, कुछ खास है जादू।
गहरी नीरवता और शांति का अहसास, ✨
यह बगीचा लाता है दिल में सुकून और विश्राम। 🕊�

आकाश में चाँद की हल्की सी रोशनी, 🌜
सभी में एक अजीब सी शांति बस गई।
इस शांत बगीचे में दिल भी शांति पाता, 💖
हर कदम में कुछ नया सुख मिल जाता। 😊

     यह कविता एक शांत बगीचे की शाम की सुंदरता और शांति का चित्रण करती है। संध्या की रोशनी, लंबी परछाइयाँ, सर्द हवा और प्रकृति की सुंदरता को महसूस करते हुए मन को शांति मिलती है। यह बगीचा एक जगह है जहाँ हम शांति और विश्राम का अनुभव करते हैं। 🌳🌅✨🌜

Symbols and Emojis: 🌅🌳🌿🌙🌈🦅🌸✨🕊�🌜💖😊

--अतुल परब
--दिनांक-23.12.2024-सोमवार. 
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