अंतर्राष्ट्रीय राजनीति और भारत की स्थिति-1

Started by Atul Kaviraje, December 23, 2024, 10:28:38 PM

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Atul Kaviraje

अंतर्राष्ट्रीय राजनीति और भारत की स्थिति-

अंतर्राष्ट्रीय राजनीति का तात्पर्य है वह राजनीति जो विभिन्न देशों के बीच उनके राष्ट्रीय हितों, कूटनीतिक संबंधों, आर्थिक और सामरिक गतिविधियों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों तथा वैश्विक मुद्दों के आधार पर संचालित होती है। वैश्वीकरण और तकनीकी विकास ने अंतर्राष्ट्रीय राजनीति के क्षेत्र को और भी विस्तृत और जटिल बना दिया है। इसमें प्रत्येक देश अपनी-अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक विकास, सांस्कृतिक पहचान, और वैश्विक स्थिरता को लेकर विभिन्न निर्णय लेता है। इस संदर्भ में, भारत का योगदान और उसकी स्थिति भी महत्वपूर्ण बन जाती है।

भारत एक ऐसा देश है, जो अपनी भौगोलिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक शक्ति के कारण वैश्विक राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। भारत की ऐतिहासिक भूमिका, आर्थिक वृद्धि, कूटनीतिक प्रयासों, सामरिक ताकत और संवेदनशील मुद्दों के कारण भारत ने अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में अपनी एक अलग पहचान बनाई है।

भारत का ऐतिहासिक परिपेक्ष्य
भारत का ऐतिहासिक संदर्भ समझते हुए, हम यह देख सकते हैं कि भारत ने लंबे समय तक दुनिया में संप्रभुता, समानता, और अंतर्राष्ट्रीय शांति के विचारों को महत्व दिया। स्वतंत्रता प्राप्ति के समय से ही, भारत ने गांधीजी के अहिंसा और नॉन-अलाइन्मेंट मूवमेंट के सिद्धांतों पर चलने का निर्णय लिया था। भारत ने बैरलियस पॉलीटिक्स (बीजिंग और वाशिंगटन के प्रभाव से बाहर) से दूर रहते हुए अपने स्वयं के सिद्धांत अपनाए थे।

भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ, विश्व व्यापार संगठन (WTO), ब्रिक्स, जी-20 और आशियान जैसे महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय मंचों में सक्रिय रूप से भाग लिया। इस दौरान, भारत ने कूटनीतिक संतुलन बनाए रखा और अपने राजनयिक रिश्तों को कई महत्वपूर्ण देशों के साथ मजबूती से स्थापित किया।

भारत की स्थिति आज के अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में
भारत के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए, यह कहा जा सकता है कि आज के अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में भारत एक प्रमुख वैश्विक खिलाड़ी बन चुका है। उसकी आर्थिक ताकत, सामरिक क्षमताएँ, कूटनीतिक गतिविधियाँ, और वैश्विक जिम्मेदारियाँ उसे विश्व राजनीति में अहम बनाती हैं।

आर्थिक ताकत: भारत ने आर्थिक सुधारों के बाद तेजी से विकास किया है और यह अब दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। आयटी क्षेत्र, खगोलशास्त्र, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के संदर्भ में भारत की भूमिका प्रगति की दिशा में महत्वपूर्ण है। भारत एक बड़े उपभोक्ता बाजार के रूप में उभरा है, जो वैश्विक व्यापार को प्रभावित करता है। साथ ही, भारत ने मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे अभियानों के माध्यम से अपने आर्थिक प्रभाव को बढ़ाया है।

सामरिक ताकत: भारत की सैन्य क्षमता और परमाणु शक्ति उसे एक वैश्विक सामरिक शक्ति बनाती है। पाकिस्तान और चीन जैसे देशों के साथ सीमा विवादों के कारण भारत की सैन्य शक्ति का महत्व और भी बढ़ जाता है। इसके अलावा, भारत की शांति स्थापना और संवेदनशील क्षेत्रीय मुद्दों में सक्रिय भागीदारी उसे वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित करती है। भारत का रक्षा उद्योग भी लगातार विकसित हो रहा है और यह उसे अपनी सामरिक स्थिति मजबूत करने में मदद करता है।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-23.12.2024-सोमवार.
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