अंतर्राष्ट्रीय राजनीति और भारत की स्थिति-2

Started by Atul Kaviraje, December 23, 2024, 10:29:00 PM

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Atul Kaviraje

अंतर्राष्ट्रीय राजनीति और भारत की स्थिति-

कूटनीतिक प्रभाव: भारत की कूटनीतिक नीति दुनिया में शांति, स्थिरता और विकास की दिशा में महत्वपूर्ण है। भारत का विदेश नीति गांधीवादी सिद्धांतों पर आधारित रहा है, जो अहिंसा, सहिष्णुता, और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व पर जोर देता है। इसके अलावा, भारत ने दक्षिण एशिया, एशिया-पैसिफिक, और पश्चिमी दुनिया के साथ अपने रिश्तों को मजबूत किया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता प्राप्त करने के लिए भारत के प्रयास जारी हैं, जो उसकी कूटनीतिक ताकत को और बढ़ाता है।

वैश्विक जिम्मेदारियाँ: भारत ने जलवायु परिवर्तन, संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन, मानवाधिकार, और वैश्विक स्वास्थ्य संकट जैसे मुद्दों पर अपनी सक्रिय भूमिका निभाई है। भारत ने पेरिस जलवायु समझौता में भाग लिया और जलवायु संकट से निपटने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की। इसके साथ ही, भारत ने कोविड-19 महामारी के दौरान अपने वैक्सीनेशन और स्वास्थ्य सहयोग के प्रयासों से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की मदद की।

दक्षिण एशिया में भारत का प्रभाव: दक्षिण एशिया में भारत का प्रमुख स्थान है। नेपाल, श्रीलंका, बांगलादेश, भूटान और म्यांमार के साथ भारत के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामरिक संबंध हैं। भारत की सामरिक सहायता, आर्थिक सहयोग और क्षेत्रीय नेतृत्व ने दक्षिण एशिया में उसके प्रभाव को मजबूती दी है।

चीन के साथ रिश्ते: चीन के साथ भारत के रिश्ते बहुत ही जटिल हैं। सीमा विवाद, व्यापारिक प्रतिस्पर्धा, और आर्थिक शक्ति के मामले में दोनों देशों के बीच टकराव और सहयोग दोनों ही देखने को मिलते हैं। हालांकि, दोनों देशों के बीच सामरिक तनाव के बावजूद, विकासशील देशों के संदर्भ में उनकी भागीदारी वैश्विक राजनीति में एक बड़ी भूमिका निभाती है।

भारत का भविष्य और अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में उसका स्थान
भारत का भविष्य वैश्विक राजनीति में एक अग्रणी शक्ति के रूप में देखा जा रहा है। उसकी सामरिक ताकत, आर्थिक प्रगति, कूटनीतिक विशेषज्ञता, और वैश्विक जिम्मेदारियां इसे एक महत्वपूर्ण वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित करेंगी। भविष्य में भारत की भूमिका संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता, वैश्विक व्यापार, जलवायु परिवर्तन, एशिया-प्रशांत क्षेत्रीय साझेदारी, और दक्षिण एशिया में प्रभाव में मजबूत होगी।

निष्कर्ष
भारत ने अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में अपने कूटनीतिक, सामरिक और आर्थिक बल के माध्यम से अपनी स्थिति को प्रबल किया है। अब वह एक प्रभावशाली वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है, जो न केवल आर्थिक और सामरिक विकास में, बल्कि शांति, स्थिरता, और वैश्विक सहयोग में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। वैश्विक राजनीति में भारत की स्थायी उपस्थिति और इसकी कूटनीतिक सफलता भविष्य में एक केंद्रीय भूमिका निभाएगी।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-23.12.2024-सोमवार. 
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