मानवाधिकार एवं उसके अंतर्गत मानव की सुरक्षा:-1

Started by Atul Kaviraje, December 24, 2024, 11:00:16 PM

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Atul Kaviraje

मानवाधिकार एवं उसके अंतर्गत मानव की सुरक्षा:-

मानवाधिकार वे मौलिक अधिकार हैं जो हर व्यक्ति को उसकी जन्म से ही मिलते हैं, और जो किसी भी प्रकार के भेदभाव, उत्पीड़न या शोषण से ऊपर होते हैं। ये अधिकार हर व्यक्ति को समानता, स्वतंत्रता और सम्मान से जीने का अवसर प्रदान करते हैं। मानवाधिकार का उद्देश्य व्यक्ति की सामाजिक, मानसिक, शारीरिक और सांस्कृतिक भलाई को सुनिश्चित करना है। यह न केवल एक व्यक्ति की गरिमा का संरक्षण करता है, बल्कि एक स्वस्थ, सशक्त और समृद्ध समाज की नींव भी रखता है। मानवाधिकारों का उल्लंघन किसी भी समाज के लिए एक गंभीर समस्या है, और इन अधिकारों की सुरक्षा के लिए वैश्विक स्तर पर संघर्ष जारी है।

मानवाधिकार की परिभाषा:
मानवाधिकार उस समूह के अधिकारों को कहा जाता है, जो जन्म से लेकर मृत्यु तक प्रत्येक व्यक्ति को स्वतंत्रता, समानता और सम्मान के साथ जीवन जीने का अधिकार प्रदान करते हैं। ये अधिकार सार्वभौमिक होते हैं और किसी भी व्यक्ति, चाहे वह किसी भी राष्ट्रीयता, धर्म, जाति, लिंग या अन्य भेदभाव का हो, को प्राप्त होते हैं। मानवाधिकारों का प्रमुख उद्देश्य मानवता के शोषण, अत्याचार, और असमानता से मुक्ति दिलाना है।

महत्वपूर्ण मानवाधिकार में जीवन का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, स्वास्थ्य का अधिकार, और रोजगार का अधिकार शामिल हैं। इन अधिकारों का उल्लंघन किसी भी स्थिति में नहीं किया जा सकता है, क्योंकि यह किसी व्यक्ति की मूलभूत गरिमा का उल्लंघन होता है।

मानवाधिकारों का इतिहास:
मानवाधिकारों का विचार प्राचीन काल से ही मौजूद था, हालांकि इसका औपचारिक रूप 20वीं सदी में आया। 1948 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा (Universal Declaration of Human Rights - UDHR) को अपनाया, जिसमें 30 मानवाधिकारों का उल्लेख किया गया था। इसके बाद विभिन्न देशों में इन अधिकारों की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कानून बनाए गए।

मानवाधिकारों के प्रकार:
मानवाधिकारों को विभिन्न श्रेणियों में बांटा जा सकता है, जिनमें प्रमुख हैं:

नागरिक और राजनीतिक अधिकार (Civil and Political Rights):

जीवन का अधिकार: हर व्यक्ति का जीवन सुरक्षित है और किसी भी हालत में उसे नष्ट नहीं किया जा सकता।
स्वतंत्रता का अधिकार: प्रत्येक व्यक्ति को अपनी इच्छा से जीने और सोचने की स्वतंत्रता प्राप्त है।
धार्मिक स्वतंत्रता: प्रत्येक व्यक्ति को अपने धर्म का पालन करने, उसे बदलने और प्रचार करने का अधिकार है।
विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता: प्रत्येक व्यक्ति को अपनी राय व्यक्त करने, प्रेस की स्वतंत्रता, और शांतिपूर्वक सभा आयोजित करने का अधिकार है।
आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकार (Economic, Social and Cultural Rights):

शिक्षा का अधिकार: प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है, ताकि वह अपने जीवन को बेहतर बना सके।
स्वास्थ्य का अधिकार: हर व्यक्ति को पर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल प्राप्त करने का अधिकार है।
काम करने का अधिकार: हर व्यक्ति को स्वतंत्र रूप से काम करने और उचित वेतन प्राप्त करने का अधिकार है।
समानता का अधिकार: सभी व्यक्तियों को समान अवसर, समान वेतन और समान दर्जा प्राप्त करना चाहिए।
सामाजिक सुरक्षा (Social Security):

समाज की ओर से सभी व्यक्तियों को बुनियादी आवश्यकताएँ जैसे खाद्य, आवास, चिकित्सा देखभाल और शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है। यह अधिकार तब जरूरी हो जाता है जब कोई व्यक्ति सामाजिक या आर्थिक संकट का सामना करता है।

मानवाधिकारों की सुरक्षा:
मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए कई अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय तंत्र मौजूद हैं:

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र ने 1948 में मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा को अपनाया, जिसमें मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश दिए गए थे। यह घोषणा मानवाधिकारों के संरक्षण के लिए एक वैश्विक मानक बन गई है। साथ ही, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) मानवाधिकारों के उल्लंघन की निगरानी करती है और उसके समाधान के लिए कार्रवाई करती है।

राष्ट्रीय स्तर पर कानून: कई देशों में मानवाधिकारों के संरक्षण के लिए अपने संविधान और कानूनी ढांचे में स्पष्ट प्रावधान किए गए हैं। उदाहरण स्वरूप, भारत के संविधान में नागरिकों को मूलभूत अधिकार दिए गए हैं, जिनमें जीवन का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, और समानता का अधिकार शामिल हैं। इसके अलावा, भारत में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) एक प्रमुख निकाय है, जो मानवाधिकारों के उल्लंघन की जांच और निवारण करता है।

सामाजिक संस्थाएँ और गैर सरकारी संगठन (NGOs): कई सामाजिक संस्थाएँ और NGO मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए काम करती हैं। ये संस्थाएँ जागरूकता फैलाने, कानूनों का पालन सुनिश्चित करने, और मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ संघर्ष करने का काम करती हैं।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-24.12.2024-मंगळवार.
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