"तारों से भरे आसमान के सामने पेड़ों की रात की छाया"

Started by Atul Kaviraje, December 25, 2024, 11:45:40 PM

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Atul Kaviraje

शुभ रात्रि, बुधवार मुबारक हो

"तारों से भरे आसमान के सामने पेड़ों की रात की छाया"

तारों से भरा आसमान चमक रहा है,
रात का अंधेरा धीरे-धीरे समा रहा है। 🌌✨
पेड़ों की छायाएँ, चुपचाप खड़ी,
चाँद की रौशनी में, नज़रें जोड़ी। 🌳🌙

वृक्षों की शाखाएँ, आकाश को छूने,
चाँद के संग, एक अनोखा गीत गाने।
रात की खामोशी में, हवा का संगीत,
पेड़ों के पत्ते, बजाते हैं सुंदर रीत। 🎶💫

तारों के बीच, जैसे पेड़ भी चुप हैं,
अपनी छायाओं में वो सबकुछ सच्चे हैं।
आसमान के नीचे, एक प्यारी सी दुनिया,
जहाँ रात के समय सबकुछ है अद्भुत और गूढ़ा। 🌠🌙

चाँद की रौशनी, पेड़ों को सिखाती,
अंधेरे में भी, वो अपनी राह पाती।
रात के समय, जब दुनिया सो रही,
पेड़ और तारे, अपनी धुन गा रहे। ✨🌳

तारों से भरा आकाश, और पेड़ खड़े,
एकता में बसा है, प्रेम और विश्वास का रंग।
रात का अंधेरा, उनके बीच नहीं,
सिर्फ शांति और सौंदर्य की रचना यहीं। 🌌💖

     यह कविता तारों से भरे आसमान और पेड़ों की रात की छायाओं का सुंदर दृश्य प्रस्तुत करती है। पेड़ और तारे रात के समय एक साथ शांति और सौंदर्य का प्रतीक बनकर खड़े होते हैं। चाँद की रौशनी में पेड़ अपने अस्तित्व को पहचानते हैं और हवा का संगीत उनके बीच गूंजता है। इस कविता के माध्यम से हम यह समझते हैं कि अंधेरे में भी प्रेम और शांति के साथ एकता का संदेश छुपा होता है। 🌙🌠

--अतुल परब
--दिनांक-25.12.2024-बुधवार.
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