"रेगिस्तान के परिदृश्य के ऊपर सितारे"

Started by Atul Kaviraje, December 27, 2024, 12:19:51 AM

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Atul Kaviraje

शुभ रात्रि, शुभ गुरुवार मुबारक हो

"रेगिस्तान के परिदृश्य के ऊपर सितारे"

रेगिस्तान में शांति का आलम है,
हर कहीं सूनी हवाओं का सलाम है। 🌾
लाल रेत की लहरों में जो खेल,
वो बेमीतें ख्वाबों का है मेल। 🏜�

आसमान में जो चमकते सितारे,
उन्हें देखना लगता जैसे दिल में प्यारे। ✨
हर तारा एक कहानी सुनाता,
जिसे समय की लहरें गुपचुप बतातीं। 🌠

चाँद की नर्म रौशनी में,
रेगिस्तान और भी प्यारा लगता है। 🌙
चांदनी रात में अंधेरे भी मुस्काते,
जैसे सितारे दिल से बात करते। 🌜

वाळवंट की चुप्प में गूंज रही,
सूरज के बाद, रात की नयी सदी। 🌑
हर तारा अपनी राह दिखाता,
हमें अपना रास्ता खुद ही समझाता। 💫

रेगिस्तान की हर एक रेत में,
एक नयी शुरुआत बसी है।
तारों से चमकते उस आकाश में,
हमेशा कुछ अद्भुत सी सजी है। 🌟

     यह कविता रेगिस्तान के शांत और अद्वितीय परिदृश्य में रात के समय तारों की चमक और चाँद की नर्म रौशनी से उत्पन्न सौंदर्य को व्यक्त करती है। सितारे जीवन के मार्गदर्शक प्रतीक के रूप में हैं, जो हमें अपनी राह दिखाने के साथ साथ नयी संभावनाओं और अवसरों की ओर संकेत करते हैं। रेगिस्तान का अकेलापन और शांतिपूर्ण वातावरण आत्मा को शांति और नयी शुरुआत की प्रेरणा देता है। 🌟

--अतुल परब
--दिनांक-26.12.2024-गुरुवार.
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