"सूर्य से जगमगाते घास के मैदान में तितलियाँ"

Started by Atul Kaviraje, December 30, 2024, 05:04:26 PM

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Atul Kaviraje

शुभ दोपहर, सोमवार मुबारक हो

"सूर्य से जगमगाते घास के मैदान में तितलियाँ"

सूर्य से जगमगाते घास के मैदान में,
उड़ती हैं तितलियाँ, रंगों के जहान में। 🌞🦋
पंखों पर रंग, जैसे आकाश का सपना,
हर उड़ान में जैसे जीवन का अपना। 🌈🌸

हर तितली की उड़ान एक संगीत है,
हवाओं में बसी, उसकी आवाज़ सी सुलझी है। 🎶🍃
सूरज की किरणें, जैसे उसे आशीर्वाद दे,
उड़ते हुए तितली को, एक नयी राह दिखे। 🌞🦋

घास के मैदान में बिछी हरी चादर,
तितलियाँ उसमें खो जातीं हैं, जैसे कोई खजाना। 🌿✨
हर रंग में बसी है एक कहानी,
जो सुनाती हैं तितलियाँ अपनी पुरानी। 📖🦋

इनकी उड़ान, जैसे एक नृत्य हो,
सूरज के संग, हर पल को बयां करती हो। 💃🌟
चमकते सूरज के नीचे, चमकती तितलियाँ,
सभी को खुशी दे, अपनी मुस्कान सी तितलियाँ। 😊🌞

हर पंख में एक रहस्य है छिपा,
सूर्य की रोशनी में, तितलियाँ करतीं हैं प्रकट।
यह रंगीन जीवन, एक सुंदर सफर है,
तितलियाँ और सूरज, इसको संजीवनी भरते हैं। 🦋🌻

     यह कविता सूरज की किरणों में चमकते हुए घास के मैदान में उड़ती तितलियों के सौंदर्य और उनकी उड़ान का चित्रण करती है। तितलियाँ रंग-बिरंगे पंखों के साथ जीवन की सुंदरता और सकारात्मकता का प्रतीक हैं। यह कविता हमें जीवन के सरल, सुखद और रंगीन पलों की सराहना करने का संदेश देती है।

प्रतीक और इमोजी:

🌞 - सूर्य, ऊर्जा, और जीवन
🦋 - तितलियाँ, सौंदर्य और स्वतंत्रता
🌈 - रंग, विविधता और खुशियाँ
🍃 - घास, ताजगी और शांति
🎶 - संगीत, हवा में तैरती आवाज़
🌿 - निसर्ग, शांति और आनंद
📖 - कहानी, जीवन की यात्रा
💃 - नृत्य, उत्साह और खुशी
🌟 - चमक, आशा और सुंदरता
🌻 - फूल, जीवन और प्रकृति

--अतुल परब
--दिनांक-30.12.2024-सोमवार.
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