"कंबल के नीचे सोती हुई बिल्ली"

Started by Atul Kaviraje, January 01, 2025, 12:27:38 AM

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Atul Kaviraje

शुभ रात्रि, मंगलवार मुबारक हो

"कंबल के नीचे सोती हुई बिल्ली"

कंबल के नीचे सोती हुई बिल्ली,
सपनों में खोई, बड़ी प्यारी और चुलबुली।
पांव समेटे, पूंछ लपेटे,
चुपचाप सोते हुए दुनिया से अंजान रहती। 🐱💤

कभी-कभी हिलती है वो, धीमे से,
जैसे कोई सुखद सपना हो उसके पास।
गहरी नींद में सोती है वो बिल्ली,
कंबल में लिपटी, रहती है शांत और सजीव। 🌙✨

चाँद की रौशनी आकर उसके पास,
जैसे उसे एक हलकी सी आशीर्वाद दे रहा हो।
बिल्ली सोती है जैसे कोई परी,
प्यारी और मासूम, बहुत सारी खुशी से। 🐾🌟

कभी वह उठती है, पांव फैला देती,
पछवाड़ा करती है, फिर सो जाती।
कंबल के अंदर, बस सुख ही सुख है,
वो सो रही है, जैसे कुछ भी न हो। 🛏�🌜

सपनों में भी वह शरारतें करती है,
अपने दांतों से खेलने का मन करता है।
कभी उछलती है, कभी भागती है,
कंबल के नीचे खेलों का संसार सजाती है। ✨💖

यह दृश्य है सुंदर, शांति से भरा,
कंबल के नीचे बिल्ली का सपना अपूर्व है।
हर दिन की रूटीन में यही एक पल है,
जो हर किसी को प्यारा और सुकून भरा लगता है। 🌙🐱

     यह कविता कंबल के नीचे सोती हुई बिल्ली के शांति और आराम भरे दृश्य को व्यक्त करती है। बिल्ली के सोने की प्यारी और मासूम स्थिति हमें शांति और सुख की ओर आकर्षित करती है, जैसे वह पूरी दुनिया से अंजान और अपने छोटे से सपनों में खोई हुई हो।

चित्र, चिन्ह और इमोजी:
🐱💤🌙✨🐾🌟🛏�💖

--अतुल परब
--दिनांक-31.12.2024-मंगळवार.
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