"ताड़ के पेड़ों के साथ उष्णकटिबंधीय सूर्योदय"

Started by Atul Kaviraje, January 01, 2025, 08:48:21 AM

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Atul Kaviraje

सुप्रभात, बुधवार मुबारक हो

"ताड़ के पेड़ों के साथ उष्णकटिबंधीय सूर्योदय"

सुबह की रौशनी धीरे-धीरे फैलती है,
ताड़ के पेड़ों के बीच एक नई उम्मीद पलती है। 🌞🌴
सूरज की किरणें छूने को बेताब,
शांति और सुकून के साथ नया दिन आता है। 🌅💫

वृक्षों की छांव में हवा बहती है,
समुद्र की लहरें छूकर आवाजें आती हैं। 🌊💨
सूर्य की गर्मी से दिलों में उत्साह,
ताड़ के पेड़ों के साथ होती है नयी शुरुआत। 🌺🌞

समुद्र के किनारे पाम के पेड़ खड़े,
चरणों के निशान छोड़ते हैं बिन कुछ कहे।
संग-संग चलते हैं सूरज की किरणें और पेड़,
मिलकर बनाते हैं जीवन की एक सुंदर रेख। 🌿🌅

ताड़ के पेड़ों की शाखाएं आकाश को छूने,
सूरज के साथ उनका संग एक सुंदर दृश्य बनते।
हर लहर में नयी उम्मीद की आवाज़,
उष्णकटिबंधीय सूर्योदय, एक अद्भुत राज़। 🌴🌞

सागर और सूरज, पेड़ और आकाश,
हर सुबह देता है एक नया विश्वास।
ताड़ के पेड़ों के साथ सूरज का मिलन,
बता जाता है कि जीवन हर दिन है फिर से शुरू होने का पथ। 🌅🌊

     यह कविता उष्णकटिबंधीय सूर्योदय के समय ताड़ के पेड़ों, सूर्य और समुद्र के सौंदर्य को दर्शाती है। सूरज की पहली किरण, ताड़ के पेड़ और लहरों का मेल जीवन में नयी उम्मीद और सकारात्मकता का प्रतीक है। यह कविता हमें प्रेरित करती है कि हर नया दिन हमें नयी शुरुआत का अवसर देता है, जहां हमें प्रकृति के साथ शांति और सुकून का अनुभव होता है।

प्रतीक और इमोजी:

🌞 - सूरज, नयी शुरुआत और आशा
🌴 - ताड़ के पेड़, शांति और ताकत
🌊 - समुद्र, जीवन की लहरें
💨 - वायु, ताजगी और शांति
🌅 - सूर्योदय, नया आरंभ
🌿 - प्राकृतिक सौंदर्य और शक्ति
💫 - नई उम्मीद, सकारात्मक ऊर्जा

--अतुल परब
--दिनांक-01.01.2025-बुधवार.
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