"फायरप्लेस के पास एक गर्म चाय का कप"

Started by Atul Kaviraje, January 02, 2025, 12:25:51 AM

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Atul Kaviraje

शुभ रात्रि, बुधवार मुबारक हो

"फायरप्लेस के पास एक गर्म चाय का कप"

फायरप्लेस की आंच में जलती हैं लकड़ियाँ,
गर्म चाय का कप, दिल में खुशी की छाई हैं लहरियाँ।
चाय की खुशबू, हवा में फैली,
जैसे हर दर्द और थकान को वह अकेले ही हल करें। 🍵🔥

चाय का हर घूंट, सुख का एहसास,
आंच की गर्मी, जैसे जीवन में सुकून का पास।
बाहर की ठंड, और शांति की बात,
फायरप्लेस और चाय की गर्मी में सब कुछ ठीक है रात। 🌙💖

आंधी और बारिश, कोई डर नहीं,
चाय की चुस्की से मन को राहत मिली।
फायरप्लेस के पास, खामोशी में बसी,
हर पल सुखद है, जैसे एक सपने की सीरीज़। 🌧�✨

चाय के कप में उभरते हैं रंग,
जीवन की थकान, मिटी और सारा दर्द खत्म।
आग की लपटों में गर्माहट का गीत,
जीवन के सफर में चाय और फायरप्लेस की तरह खुशी का है मीठा रीत। 🌺🌟

हर दिन का संघर्ष फिर भी रहता है,
लेकिन चाय और आंच में कुछ खास बात है।
गर्म चाय का कप, एक शांति की झलक,
फायरप्लेस की आंच, मानो खुद से हर ग़म की हो झलक। 🔥💫

     यह कविता फायरप्लेस के पास एक गर्म चाय के कप के आनंद और आराम को चित्रित करती है। यह शांति और सुख के उन पलो का वर्णन करती है, जो हमें चाय और फायरप्लेस के पास मिलते हैं। इन चीजों के साथ हम बाहरी दुनिया के तनाव और ठंड को भुलाकर, अपने आप में शांति महसूस करते हैं।

चित्र, चिन्ह और इमोजी:
🔥🍵🌙💖🌧�✨🌺🌟💫

--अतुल परब
--दिनांक-01.01.2025-बुधवार.
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